डॉ. सीमा द्विवेदी
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि देश में आने वाले वक्त में इंसाफ के लिए किसी को तारीख पर तारीख नहीं मिलेगी। जल्द ही क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम पूरी तरह से बदल जाएगा। देशभर की अदालतें तकनीक आधारित न्यायिक प्रणाली से जुड़ जाएंगी।
गृहमंत्री शाह ने उपरोक्त बातें देहरादून स्थित एफआरआई में आयोजित 49वीं आल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस में कहीं। उन्होंने कहा कि आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट के स्थान पर लाए जा रहे तीनों कानूनों में डाक्यूमेंट सबमिशन, एविडेंस, वारंट, समन और जेल सुनवाई ऑनलाइन के माध्यम से होगी। इससे अदालती केस तेजी से निपटेंगे।
तीनों कानूनों में टेररिज्म और आर्गेनाइज्ड क्राइम के लिए कड़े प्रावधान किए जाएंगे। डायरेक्टर प्रॉसीक्यूशन के ऑफिस की क्षमता बढ़ाने के साथ ही छह साल से ज्यादा वाले केसों में फॉरेंसिक साइंस के उपयोग को अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोष सिद्धि को लेकर भी समयबद्धता और अन्य बदलाव किए जाएंगे। इससे हर नागरिक को सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस की तरह बीट प्रणाली को पुनर्जीवित करने, खबरी नेटवर्क को फिर बनाने की बात की।
क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षा
शाह ने कहा कि आज डिजिटल दौर में डिजिटल पब्लिक गुड्स की सुरक्षा को लेकर भी अहम कदम उठाने की जरूरत है। हमें देश के क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की सिक्योरिटी को लेकर भी गंभीरता से काम करना होगा। काउंटर टेररिज्म, जीरो टोलरेंस, जीरो टॉलरेंस स्ट्रेटेजी और जीरो टॉलरेंस एक्शन की दिशा में हमें आगे बढ़ना होगा। साथ ही आतंकवाद को जड़ सहित उखाड़ने का वक्त आ गया है।
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद निरोधक एजेंसियों को ऐसा कठोर रुख अपनाना होगा कि देश में नए आतंकवादी संगठन न पनप सकें। आतंकवाद निरोधक सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि न केवल आतंकवाद, बल्कि आतंकवादियों के पूरे इको सिस्टम को नष्ट करना होगा। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लिए गए सख्त फैसलों से क्रिप्टोकरेंसी, हवाला, आतंकी वित्तपोषण, संगठित अपराध गिरोह और नार्को-टेरर लिंक से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं। अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।