ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र की एक इकाई संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह को भारत ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह समूह 1948 से भारत में काम कर रहा था और वैसे तो कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के रवैए पर नजर रख रहा था लेकिन भारत पर उसकी नजर कुछ ज्यादा ही ‘तेज’ थी। काम करने, घूमने, रहने, खाने-पीने का सारा खर्च भारत उठा रहा था।
इस समूह ने भारत के खिलाफ काफी कड़े बयान दिए थे। समूह ने कश्मीर को द्विपक्षीय मामला न बनाकर त्रिपक्षीय घोषित करने की कोशिश की और साथ ही भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे। समूह यहीं नहीं रुका, उसने आगे कहा, हमारे खर्चों को पूरा कवर नहीं किया जा रहा । भारत को हमारे भत्ते और खर्च बढ़ाने होंगे।
भारत सरकार ने अंततः उससे इतना ही कहा, तुम्हारे नाटक से हमने बहुत कुछ सहा है। अब तुम यहां से फौरन चले जाओ। तुम्हारे लिए भारत में कोई जगह नहीं है। केवल 30 मिनट में मोदी सरकार ने समूह का वीजा रद्द कर दिया और उसके सदस्यों को अगले दस दिन में भारत छोड़कर जाने के लिए कह दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर जी ने इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पिछले 74 वर्षों से भारत इस समूह से 40 से अधिक लोगों का खर्च वहन कर रहा था, जिन्हें अब निर्वासित कर दिया गया है।