विनोद शील
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का 2024-25 का यह पहला बजट साल 2047 तक भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा सकता हैएक ऐसा संतुलित बजट है जिसका लाभकारी प्रभाव आने वाले महीनों में साफ तौर पर देखा जा सकेगा। इस बजट पर निगाह डालें तो साफ हो जाता है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ही तीर से कई राजनीतिक और आर्थिक लक्ष्य हासिल करने के सफल प्रयास किए हैं।
नरेंद्र मोदी सरकार को लगातार तीसरा कार्यकाल देने के बाद इस बजट से सभी को बहुत उम्मीदें थीं। वित्तमंत्री ने बजट में गरीब, मिडिल क्लास और अमीर- सभी को कुछ न कुछ देने का प्रयास किया है। देश के करोड़ों न्यू टैक्स रिजीम टैक्सपेयर्स के लिए सबसे बड़ी राहत स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी के तौर पर आई है मगर शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स बढ़ाने एवं इंडेक्सेशन बेनिफिट खत्म होने से इन्हें थोड़ी मायूसी भी मिली है।
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) यद्यपि इस बार अपने दम पर स्पष्ट बहुमत नहीं ला सकी पर उसका राजनीतिक गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानि कि एनडीए के सभी घटक दल मिलकर स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब रहे हैं। मोदी भी लगातार तीसरी बार शपथ ले कर किसी गैर-कांग्रसी सरकार के मुखिया के रूप में प्रधानमंत्री बनने वाले देश के पहले नेता बनने में सफल रहे जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। वित्तमंत्री सीतारमण ने भी लगातार सातवीं बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाते हुए मोदी सरकार के विकसित भारत के सपनों का पहला केंद्रीय बजट लोकसभा के पटल पर रखा। इससे पहले मोरारजी देसाई के नाम लगातार छह बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड रहा है।
अब बात करते हैं इस केंद्रीय बजट की जो भारत के सामने मौजूद तमाम अहम मुद्दों को अपने पन्नों में समेटे हुए है। यह 2047 तक भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण पहला कदम समझा जा रहा है। इसमें कई विरोधाभासी मुद्दों को एक साथ साधने का प्रयास किया गया है जिसके लिए विशेष बुद्धिमत्ता और कुशल नेतृत्व की एक खास भूमिका होती है। पीएम मोदी के नेतृत्व में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस कार्य को बखूबी से अपनी मंजिल तक पहुंचाने का काम किया है; ऐसा बेलाग कहा जा सकता है।
बजट में मोदी सरकार न केवल जनता का दिल जीतने में कामयाब होती दिखाई दे रही है बल्कि अपने राजनीतिक विरोधियों को भी पस्त करती नजर आ रही है। विपक्षी शीघ्र ही सरकार के पतन की अटकलें लगा रहे थे। इसका कारण यह था कि एनडीए के कुछ घटकों की मांगें विपक्षियों को सरकार पर संकट जैसी नजर आ रही थीं। बिहार और आंध्र में घटक दलों की सरकारें हैं और दोनों राज्यों के लिए करीब 75 हजार करोड़ रुपए की योजनाओं का एलान किया गया है जिनसे विपक्ष को करारा झटका लगा है।
हमारा लक्ष्य हर भारतवासी की आकांक्षाओं को पूरा करना
वित्तमंत्री ने कहा कि देशवासियों ने पीएम मोदी पर फिर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा, सरकार को ऐतिहासिक तीसरा जनादेश मिला है। हमारी नीतियों के प्रति देश का समर्थन, आस्था और विश्वास है। हमारा लक्ष्य हर भारतवासी की आकांक्षाओं को पूरा करना है।
5 साल की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार
हाल के वर्षों पर निगाह डालें तो संभवत: भारत इकलौता ऐसा देश है जो सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने के अतिरिक्त विकास के गुणों को समग्र आर्थिक स्थिरता के साथ जोड़ने की कोशिश में सफल रहा है। यह बात हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) तथा विश्व बैंक ने भी अपनी ताजा रिपोर्टों में मानी है। इस बजट में खास तौर से रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया गया है। देश में बेरोजगारी की चुनौतियों से जूझने के लिए तीन नई योजनाओं का समावेश भी अहम कदम साबित होगा। रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री की 5 योजनाओं और पहलों के पैकेज की घोषणा में पांच वर्ष की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं को लाभ होगा।
इसके लिए 2 लाख करोड़ रुपये का केंद्रीय परिव्यय तय किया गया है। केंद्र ईपीएफओ में नामांकन तथा पहली बार रोजगार पाने वालों को अभिचिन्हित करने तथा कर्मचारियों व नियोक्ताओं को सहायता प्रदान करने वाली रोजगार योजनाएं भी लागू करेगा।
7 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले करदाताओं को सर्वाधिक फायदा
सीतारमण ने नई कर व्यवस्था में कर की दर संरचना को संशोधित करने का प्रस्ताव दिया है। इस बदलाव से करदाताओं की सालाना देनदारी 17,500 रुपए तक कम हो जाएगी। संशोधित प्रस्ताव के मुताबिक, 0-3 लाख रुपए की आय पर कोई देनदारी नहीं होगी। 3 से 7 लाख की आय पर 5 फीसद आयकर देना होगा। नई कर व्यवस्था में सर्वाधिक फायदा 7 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले करदाताओं को मिलेगा। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान है।
ग्रामीण असंतोष और बेरोजगारी को लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपने दम पर बहुमत नहीं मिलने के लिए जिम्मेदार माना गया है। आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए भी बजट में बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 फीसद है। सरकार ने स्टार्टअप में सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए ‘एंजल कर’ समाप्त करने की बात भी कही है। बजट में तस्करी रोकने के मकसद से मोबाइल एवं सोने पर सीमा शुल्क भी घटाया गया है तथा कैंसर की तीन दवाइयां भी सस्ती की गई हैं।
बजट में राहत भरे बड़े फैसले
वित्त मंत्री ने विपक्ष की आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए कहा कि सभी राज्यों के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये की मदद उपलब्ध कराई गई है। इनकम टैक्स से जुड़े लीगल केस जल्दी निपटाने की योजना भी लॉन्च की गई है। ई कॉमर्स ऑपरेटर्स पर टीडीएस एक फीसदी से घटाकर 0.1 फीसदी कर दिया गया है।
समावेशी विकास
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप अपनी प्राथमिकताएं गिनवाई हैं। उनकी पहली प्राथमिकता ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं कृषि को समर्पित रही।
बजट में कृषि उत्पादकता को बढ़ाने एवं जलवायु परिवर्तन की चुनौती के मद्देनजर विशेष किस्मों के विकास के लिए व्यापक अनुसंधान के माध्यम से खेती-किसानी के कायाकल्प की योजना बनाई गई है। दूसरी प्राथमिकता कौशल विकास एवं रोजगार से जुड़ी है। इसके अंतर्गत विशेष पैकेज में दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान है जिससे 4.1 करोड़ युवक लाभान्वित होंगे। पहली बार नौकरी में आए कर्मियों को 15,000 रुपये तक का एक महीने का पारिश्रमिक दिया जाएगा जिससे 21 करोड़ युवाओं को लाभ मिलेगा। विनिर्माण में रोजगार सृजन को प्रोत्साहन से 30 लाख नए कर्मियों को फायदा पहुंचेगा। वहीं अतिरिक्त कर्मियों की भर्ती पर नियोक्ताओं को 3,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे जिसके माध्यम से 50 लाख नई भर्तियों की योजना है।
महिलाओं के लिए
कामकाजी महिलाओं के लिए हास्टल से लेकर अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। कौशल विकास के लिए 1,000 आईटीआई को उन्नत कर लाखों युवाओं के लिए केंद्रीय योजनाओं के जरिये कौशल विकास और आदर्श कौशल ऋण योजना को नए सिरे से तैयार किया गया है। शिक्षा ऋण में छूट के साथ ही उसे और सुगम बनाया जाएगा।
शीर्ष 500 कंपनियों में युवाओं को इंटर्नशिप दिलाई जाएगी। इससे रोजगार संकट के समाधान के साथ ही उद्योगों को अपेक्षाएं भी पूरी करने में मदद होगी। समावेशी मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक न्याय भी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।
– निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्तमंत्री
यह बजट देश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर देगा। यह समाज के हर वर्ग को शक्ति देने वाला है। बजट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ‘उत्प्रेरक’ का काम करेगा। यह देश के गांव, गरीब, किसान को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला बजट है। – नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
सहयोगियों को खुश करने के लिए अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे किए गए। अपने मित्रों को खुश किया गया, ‘एए’ को लाभ दिया गया, लेकिन आम भारतीय को कोई राहत नहीं दी गई।
– राहुल गांधी, नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा
पीएम मोदी को विशेष धन्यवाद
हार के लिए बजट में विशेष प्रावधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष धन्यवाद। – नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
नायडू ने भी जताया आभार
मैं प्रधानमंत्री को बजट में आंध्र में राजधानी, पोलावरम, औद्योगिक मंजूरी के लिए धन्यवाद देता हूं।
– चंद्रबाबू नायडू, मुख्यमंत्री, आंध्र प्रदेश
क्या हुआ सस्ता और महंगा
– कैंसर के उपचार के लिए तीन और दवाओं पर कस्टम छूट
– मोबाइल फोन, संबंधित पुर्जों, चार्जरों पर सीमा शुल्क घटाया
– एक्सरे ट्यूब पर छूट
– मोबाइल फोन, चार्जर पर •ड्यूटी 15 प्रतिशत कम
– 25 अहम खनिजों पर ड्यूटी खत्म
– फिश फीड पर ड्यूटी घटी
– देश में बनने वाले चमड़े, कपड़ा और जूते सस्ते होंगे
– सोना, चांदी पर 6 प्रतिशत कम ड्यूटी
– प्लेटिनम पर 6.4 प्रतिशत ड्यूटी घटी
– लिथियम आयन बैटरी सस्ती होंगी, इलेक्टि्रक व्हीकल भी सस्ते होंगे
– इम्पोर्टेड ज्वेलरी भी सस्ती
ये हुए महंगे
– प्लास्टिक सामान पर आयात शुल्क बढ़ा
– पेट्रोकेमिकल – अमोनियम नाइट्रेट पर कस्टम ड्यूटी बढ़ी
– पीवीसी-इंपोर्ट घटाने के लिए 10 से 25 फीसदी का इजाफा
– सिगरेट भी महंगी हुई
– हवाई यात्रा