भारत की आर्थिक प्रगति और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर जी20 के माध्यम से गौरवान्वित करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। भारत ने जी20 की मेजबानी में इन बैठकों का स्वरूप ही बदल दिया है। जी20 की बैठकें पहले बंद कमरों की बैठकें मानी जाती थीं लेकिन अब पीएम मोदी के विजन ने इस सोच को और ज्यादा बदल दिया है तथा इनमें पहली बार जनता की भागीदारी हो, यह सुनिश्चित किया गया है। इसके साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था भी विश्व के अन्य देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही है।
वैश्विक आर्थिक संगठनों की रिपोर्टें यह बताती हैं कि डगमगाती वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच भारत अधिक मजबूत स्थिति में है। हाल ही में 31 अगस्त को प्रकाशित राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से जून 2023 की तिमाही में भारत की विकास दर 7.8 फीसद रही है जो दुनिया में सर्वाधिक है। यहां यह भी जिक्र करना जरूरी हो जाता है कि गत 22 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग में कहा था कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में चुनौतियों और उथल–पुथल के दौर के बीच भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। इस समय एक मजबूत आर्थिक देश के रूप में दुनिया के सामने भारत अपना शानदार प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा मिशन–मोड में किए जा रहे सुधारों से भारत में कारोबारी सुगमता में वृद्धि हुई है।
भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है और देश में 100 से अधिक यूनिकार्न हैं। साथ ही जल्द ही भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में उभरकर दुनिया के लिए विकास का इंजन बन जाएगा। इस दौरान 23 अगस्त को प्रकाशित एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक इस समय डगमगाती हुई वैश्विक अर्थव्यवस्था पर काले बादल छाए हुए हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए 2023 में लगभग 2.5 प्रतिशत की वृद्धि दर संभावित की गई है। यह अगले वर्ष 2024 में और घटकर 2.4 फीसद रह सकती है। यदि हम वैश्विक परिदृश्य को देखें तो पाते हैं कि पिछले वर्ष के दौरान तेजी से मौद्रिक नीति सख्त होने से वैश्विक आवास‚ बैंक ऋण और औद्योगिक क्षेत्र में कमजोरी आई है। स्पष्ट है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के हालात चुनौतीपूर्ण हैं। चीन‚, अमेरिका और जापान जैसी अर्थव्यवस्थाओं से भी चिंताजनक संदेश हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन की अर्थव्यवस्था को एक ऐसे टाइम बम की संज्ञा दी है‚ जो कभी भी फट सकता है। वित्त वर्ष 2023-2024 की डगर पर चीन की अर्थव्यवस्था निराशाओं और मुश्किलों से घिरी हुई है। अमेरिका भी असाधारण ऋण संकट से गुजर रहा है। पिछले तीन सालों में उसके कर्ज में करीब 8 लाख करोड़ डॉलर का इजाफा भी हुआ। परिणामस्वरूप रेटिंग एजेंसी फिच ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग को एए प्लस से कम करके एएए कर दिया है। जापान में भी हालात अच्छे नहीं हैं। जापान में मुद्रास्फीति बढ़ी हुई है। उल्लेखनीय है कि विभिन्न नई वैश्विक रिपोर्टों के मुताबिक वर्ष 2023 में भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति वाली होगी। भारत की विकास दर 2023 में 5.9 फीसद व 2024 में 6.1 फीसद रहने का अनुमान जताया गया है। दुनिया के प्रमुख आर्थिक और वित्तीय संगठनों की रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा रखने वाला भारत वर्ष 2027 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरकर सामने आएगा। सेवाओं और विनिर्माण के कारण अप्रैल-जून तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था एक साल में सबसे तेज गति से बढ़ी है।
अर्थशास्त्रियों के रॉयटर्स पोल में औसत पूर्वानुमान के अनुसार, भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पिछली तिमाही में 7.7 प्रतिशत बढ़ा जो पिछली तिमाही में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है और अप्रैल-जून 2022 के बाद से इसका सबसे तेज विस्तार है। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद का कहना है कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था को चलाने में एक बड़ी ताकत बन गया है। 2023-24 की पहली तिमाही में 7.8 फीसदी की वास्तविक वृद्धि दर निश्चित रूप से दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को भारत से ईर्ष्या करने पर मजबूर कर देगी। वह भी तब, जब ये देश महंगाई और अन्य चुनौतियों से जूझ रहे हैं।
आर्थिक और वित्तीय संगठनों की रिपोर्टों में यह भी कहा जा रहा है कि जी20 देशों में भारत की विकास दर सबसे बेहतर रहने का अनुमान है। ऐसे में जी20 की अध्यक्षता भारत को और खास बना रही है। जी20 समूह के स्वरूप को नया कलेवर देने वाले भारत की जी20 अध्यक्षता असाधारण उम्मीदों और जिम्मेदारियों के साथ आई है जो भारत की जी20 अध्यक्षता को और अलग बनाती है। वस्तुत: भारत ने ऐसे समय में जी20 की अध्यक्षता संभाली है जब दुनिया के लिए भारत का महत्व और अधिक बढ़ रहा है। यह आंशिक रूप से हमारी आर्थिक उपलब्धियों के कारण है क्योंकि अब हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। आज भारत को वैश्विक कार्यस्थल और वैश्विक प्रतिभा के पूल के रूप में जाना जाता है। भारत की जी20 अध्यक्षता वर्तमान संदर्भों में आज इसलिए भी खास हो चुकी है क्योंकि इसने अन्य देशों की मदद करने की क्षमता भी प्रदर्शित की है।