ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। डेवलेपमेंटल न्यूज के लिए देश-दुनिया में खास पहचान बनाने वाले समाचार पत्र ‘ब्लिट्ज इंडिया’ के साथ पद्मश्री बिंदेश्वर पाठक का गहरा नाता रहा। ‘ब्लिट्ज इंडिया’ के हाल ही में यूके एडिशन की लांचिंग के दौरान बिंदेश्वर पाठक सबसे आगे रहे व लंदन में आयोजित विशेष समारोह में उन्होंने जोशीले संबोधन से ‘ब्लिट्ज इंडिया’ की लांचिंग को खास व अविस्मरणीय बना दिया।
‘ब्लिट्ज लीगल’ की लांचिंग के समय भी बिंदेश्वर पाठक के मार्ग निर्देशन ने कार्यक्रम की गरिमा और कंटेंट के स्वरूप-कलेवर को उच्च स्तर तक पहुंचाया। ‘ब्लिट्ज इंडिया’ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 99वें एपिसोड का सार्वजनिक टेलीकास्ट दिल्ली की खान मार्केट में करवाया था। इस अवसर पर आयोजित विशाल कार्यक्रम में बिंदेश्वर पाठक की गरिमामयी उपस्थिति और ओजस्वी संबोधन से पूरे क्षेत्र में हर ओर ‘मन की बात’ गूंजी थी।
बड़े समाज सुधारकों में गणना
बिंदेश्वर पाठक की पहचान बड़े भारतीय समाज सुधारकों में की जाती है। उन्होंने 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना की थी। उनका जन्म बिहार के वैशाली जिले के रामपुर बाघेल गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी माता योगमाया देवी और पिता रमाकांत पाठक थे। वह बाद में पटना चले गये और बी.एन. कालेज से समाजशास्त्र में स्नातक किया। गांधी शताब्दी समिति में स्वयंसेवक के रूप में शामिल होने से पहले वह कुछ समय शिक्षक भी रहे।
महात्मा गांधी से प्रेरित थे
सुलभ इंटरनेशनल वेबसाइट के मुताबिक, पाठक महात्मा गांधी से प्रेरित थे। पिछले 50 वर्षों में उन्होंने हाथ से मैला ढोने वालों के मानवाधिकारों के लिए काम किया, जो भारत की जाति-आधारित व्यवस्था के सबसे निचले तबके से आते हैं और ज्यादातर महिलाएं हैं। 1973 में बिंदेश्वर पाठक ने विधायक भगदेव सिंह ‘योगी’ को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को एक पत्र लिखने के लिए राजी किया, जिसमें उनका ध्यान मैला ढोने वालों की स्थिति की ओर आकर्षित किया गया। इंदिरा गांधी ने इसका जवाब दिया कि वह इस मामले पर व्यक्तिगत ध्यान देने के लिए मुख्यमंत्री को लिख रही हैं। 1973 में आरा नगर पालिका के एक अधिकारी ने पाठक को अपने परिसर में दो शौचालय बनाने के लिए 500 रुपये दिए। शौचालय देख पालिका के अन्य अधिकारी भी प्रभावित हुए। उन्होंने बिंदेश्वर पाठक की एक बड़ी परियोजना को तत्काल मंजूरी दे दी।