ब्लिट्ज ब्यूरो
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर जोधपुर हाईकोर्ट में प्लेटिनम जुबली समारोह आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। पीएम मोदी ने राजस्थान हाईकोर्ट म्यूजियम का उद्घाटन भी किया। उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू करने, आर्टिकल 370, सीएए को समाप्त करने के लिए सरकार की तरफ से किए गए कामों का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने लाल किले से जिस ‘सेक्युलर सिविल कोड’ का जिक्र किया था, उसे इस कार्यक्रम में फिर दोहराया। मोदी बोले, मैंने 15 अगस्त को लाल किले से ‘सेक्युलर सिविल कोड’ की बात की। इस मुद्दे पर भले ही कोई सरकार पहली बार इतनी मुखर हुई हो, लेकिन हमारी ज्यूडिशियरी दशकों से इसकी वकालत करती आई है।
उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का उदाहरण, देश के संवैधानिक एकीकरण का उदाहरण, सीएए जैसे कानूनों का उदाहरण हमारे सामने हैं। ऐसे मुद्दों पर राष्ट्र हित में स्वाभाविक न्याय क्या कहता है, यह हमारी अदालतों के निर्णय से पूरी तरह से स्पष्ट होता रहा है। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ऐसे मुद्दों पर अनेक बार ऐसे विषयों पर राष्ट्र प्रथम जैसे विषयों को सशक्त किया है।
‘कोलोनियल माइंडसेट से आजाद करवाया’
पीएम ने कहा कि आजादी के इतने दशक बाद गुलामी की मानसिकता से उबरते हुए देश ने इंडियन पैनल कोड की जगह भारतीय न्याय संहित को एडॉप्ट किया है। दंड की जगह न्याय, यह भारतीय चिंतन का आधार भी है। भारतीय न्याय संहिता हमारे देश को कोलोनियल माइंडसेट से आजाद करवाती है। एक दशक में देश तेजी से बदला है।
दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हम
अभी हम 10 साल में 10वीं पायदान से ऊपर उठकर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। आज देश के सपने भी बड़े हैं और देश वासियों की आकांक्षाएं भी बड़ी हैं। इसलिए जरूरी है कि हम अपनी व्यवस्थाओं को आधुनिक बनाएं। जस्टिस फार ऑल इसके लिए उतना ही जरूरी है। पीएम मोदी ने देश में आईटी रिवोल्यूशन का जिक्र करते हुए कहा कि इससे न्याय व्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा, आईटी रिवोल्यूशन से कितना बड़ा बदला हो सकता है। हमारी ई-कोर्ट्स इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड से 26 करोड़ से ज्यादा मुकदमों की जानकारी एक सेंट्रलाइज प्लेटफार्म पर जुड़ चुकी है।