ललित दुबे
वाशिंगटन। धरती के करीब से माउंट एवरेस्ट जितना बड़ा खतरनाक धूमकेतु गुजरने वाला है। इसे वैज्ञानिक ‘शैतान’ धूमकेतु के नाम से बुला रहे हैं, लेकिन इसका वैज्ञानिक नाम 12पी/पोंस-ब्रूक्स है। इसे ‘शैतान’ धूमकेतु इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि इस पर हर 15 दिन में किसी ज्वालामुखी जैसा विस्फोट होता है। विस्फोट के दौरान यह धूमकेतु बर्फ और गैस उत्सर्जित करता है। विस्फोट होने पर इस धूमकेतु में किसी पशु के सींग जैसा आकार दिखता है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस धूमकेतु में 30 दिसंबर तो विस्फोट हुआ है। यह अप्रैल में पृथ्वी के करीब से गुजरेगा।
क्यों होता है विस्फोट
वैज्ञानिकों ने बताया कि धूमकेतु का विस्फोट ज्वालामुखी विस्फोट की तरह होता है। धूमकेतु को वास्तव में क्रायोवोल्केनिक धूमकेतु या ठंडे ज्वालामुखी धूमकेतु के रूप में जाना जाता है। खगोलविदों ने पाया कि यह दो सप्ताह की अवधि में घूमता है, जो इसके क्रायोवोल्केनिक वेंट को सूर्य की ओर मोड़ देता है। फिर वह वेंट सूर्य से गर्म हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप विस्फोट होता है।
वैज्ञानिकों ने बताया धूमकेतु का आकार
ब्रिटिश एस्ट्रोनॉमिकल एसोसिएशन के रिचर्ड माइल्स ने कहा, धूमकेतु 12पी में एक सुपर क्रायोगीजर है, जिसका विस्फोट स्थानीय सूर्योदय के बाद उसके स्थान पर होता है। इस धूमकेतु का व्यास लगभग 18.6 मील है। यह 14 नवंबर के बाद से अपने सबसे बड़े विस्फोट का अनुभव कर सकता है। विस्फोट के बाद यह धूमकेतु कई दिनों तक यह सामान्य से 100 गुना अधिक चमकीला दिखाई दिया। पोंस-ब्रूक्स भी 2024 के अप्रैल में पृथ्वी के सबसे करीब होगा और उस वर्ष मई और जून में नग्न आंखों को दिखाई देगा।
हैली धूमकेतु से की जा रही तुलना
वैज्ञानिकों ने इसे हैली टाइप का धूमकेतु बताया है, जो हर 71 साल में पृथ्वी की परिक्रमा करता है। हैली धूमकेतु को अपनी कक्षा की परिक्रमा करने में 76 साल लगते हैं। नासा का कहना है कि हैली धूमकेतु अब 2061 में नजर आ सकता है। नया वाला धूमकेतु विस्फोट के बाद तेजी से चमकीला दिखने लगता है। इसके बाद जैसे-जैसे इसकी चमक कम होती है, वैसे-वैसे विस्फोट के कारण बनी सींगें खत्म होने लगती हैं।