ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। दुनिया के कई देशों में बिजली का संकट है और गर्मियों के मौसम में यह संकट काफी बढ़ जाता है। भारत में भी बिजली को लेकर कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल दुनिया के कई देशों में हर रोज हो रहा है। आप में से भी कई लोग एआई टूल जैसे चैटजीपीटी का इस्तेमाल कर रहे होंगे, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये एआई टूल किसी दिन पूरी दुनिया में बिजली संकट की वजह बन सकते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक ओपनएआई का पॉपुलर एआई चैट टूल चैटजीपीटी अकेले हर घंटे 5,000 किलोवॉट बिजली खपत कर रहा है। यह खपत केवल 200 मिलियन यूजर्स के रोज के रिक्वेस्ट पर ही हो रही है और यदि रिक्वेस्ट का आंकड़ा बढ़ता है तो खपत भी बढ़ सकती है। अगर औसत निकाला जाए तो चैटजीपीटी प्रतिदिन औसत अमेरिकी घरों की तुलना में 17,000 गुना अधिक बिजली खपत कर रहा है। यदि जेनरेटिव एआई का इस्तेमाल और बढ़ता है तो ऊर्जा की खपत भी और बढ़ सकती है। डाटा वैज्ञानिक एलेक्स व्रीज के मुताबिक गूगल प्रत्येक सर्च में जेनरेटिव एआई को शामिल करता है, तो यह सालाना 29 बिलियन किलोवाट-घंटे की खपत कर सकता है, जो केन्या, ग्वाटेमाला व क्रोएशिया जैसे देशों की वार्षिक बिजली खपत को पार कर जाएगा।