ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ । सिद्धार्थ विहार में 120 एमएलडी (मिलियन लीटर पर डे) का गंगाजल प्लांट बनकर तैयार हो गया है। ट्रायल पूरा हो चुका और जल्द इसे शुरू कर दिया जाएगा। प्लांट से नोएडा को 90 और सिद्धार्थ विहार आवासीय योजना को 30 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति की जाएगी। इससे नौ लाख से अधिक लोगों को पेयजल मिल सकेगा। नोएडा और सिद्धार्थ विहार को गंगाजल देने के लिए प्रदेश सरकार ने इस प्लांट को करीब सात साल पहले स्वीकृति दी थी। जल निगम के अधिकारियों ने बताया कि प्लांट चालू करने से पहले सभी ट्रायल हो चुके हैं। नोएडा प्राधिकरण और आवास विकास परिषद को पत्र लिख दिया है। उनकी ओर से जैसे ही पानी की आपूर्ति करने के लिए कहा जाएगा, इसे तुरंत शुरू कर दिया जाएगा।
नोएडा प्राधिकरण के जल-सीवर विभाग के महाप्रबंधक आरपी सिंह ने बताया कि नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे से सटे सेक्टर-118, 127 सहित करीब 26 सेक्टर-सोसाइटियों और गांवों में गंगाजल की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए संबंधित सेक्टरों में लाइनों को जोड़ने का काम किया जा रहा है। अभी इस हिस्से में गंगाजल नहीं जा रहा है। इसके अलावा शहर के आंतरिक हिस्सों में भी गंगाजल की सप्लाई होगी। इससे शहर में भी पानी की गुणवत्ता बेहतर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि घरों को आपूर्ति पहुंचाने के लिए डाली गई लाइनें काफी पुरानी हो गई हैं। इनकी मरम्मत में चार से पांच माह का समय लग सकता है। काम पूरा होने पर सिद्वार्थ विहार पलांट से गंगाजल मांगा आएगा।
तीन प्लांट से नोएडा को 282 एमएलडी पानी मिलेगा
प्रताप विहार में 120 एमएलडी और सिद्धार्थ विहार के करीब 245 एमएलडी प्लांट से 192 एमएलडी गंगाजल नोएडा को जाता है और बाकी पानी गाजियाबाद को मिलता है। 120 एमएलडी का प्लांट शुरू होने पर 90 एमएलडी नोएडा को और बाकी गाजियाबाद को मिलेगा। नोएडा को कुल एमएलडी पानी मिलेगा, लेकिन इसमें से 50 एमएलडी खोड़ा को दे दिया जाएगा।
सिद्धार्थ विहार में प्लांट का निर्माण वर्ष 2018 में शुरू हुआ था। तब लागत 239 करोड़ रुपये थी। कोरोनाकाल में काम रुक गया। साथ ही एनएच-नौ और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (डीएमई) के निर्माण की वजह से इसका काम रुक गया। इस कारण लागत बढ़कर 304 करोड़ रुपये हो गई। देरी की वजह से 27 फीसदी से अधिक लागत बढ़ गई। गाजियाबाद जिले का यह तीसरा प्लांट है। यहां पर 120 एमएलडी और करीब 245 एमएलडी का प्लांट पहले से चल रहा है।
प्लांट तैयार
प्लांट पूरी तरह से तैयार है, ट्रायल के बाद जलाशय भी भर दिए गए हैं। दोनों विभागों को पत्र लिख दिया है। इनकी तरफ से पानी की मांग करने पर प्लांट चालू कर दिया जाएगा।