ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे की राह में सबसे बड़ी चुनौती को भी एनएचएआई ने पार कर लिया है। महाराष्ट्र की माथेरन पहाड़ी को चीरकर 4 किलोमीटर लंबा टनल बनाया जा रहा है, जो इस एक्सप्रेसवे की राह को और रोमांचक व सुगम बना देगा।
माथेरन हिल्स महाराष्ट्र के प्रमुख हिल स्टेशनों में शुमार है। बता दें कि दिल्ली से मुंबई तक बन रहा है देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे।
इको-सेंसिटिव जोन
माथेरन हिल्स इको-सेंसिटिव जोन माना जाता है। इसके बीच में आठ लेन की ट्वीन टनल का निर्माण किया जा रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस एक्सप्रेसवे को कई खंडों में बना रहा है। इस कड़ी में मध्य प्रदेश से महाराष्ट्र के बीच बन रहे खंड के रास्ते में माथेरन हिल्स पड़ता है। इस जोन को पार करने के लिए ही 4 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी टनल बनाई जा रही है।
– आसान होगा 1350 किमी का रास्ता
तस्वीरें ट्वीट कर बताया
एनएचएआई ने हाल में टनल निर्माण की तस्वीरें ट्वीट कर बताया है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पैकेज नंबर 17 पर काम चल रहा है। इस पैकेज के रास्ते में माथेरन हिल्स पड़ती है, जिसके बीच में ट्वीन टनल का निर्माण किया जा रहा है। टनल 8 लेन की होगी, जिसमें आने और जाने, दोनों ही रास्तों को 4-4 लेन का बनाया जा रहा है। पनवेल की तरफ इस टनल का दूसरा छोर होगा।
प्राकृतिक सौंदर्य से भरी है पहाड़ी
माथेरन हिल्स मुंबई और पुणे वासियों के लिए सबसे पसंदीदा घूमने की जगहों में भी आता है। इसमें हिरण, लंगूर, मालाबार रीजन की बड़ी गिलहरियों सहित दर्जनों जंगली जानवर रहते हैं। यही कारण है कि इस टनल को बनाने के लिए कई तरह की पर्यावरणीय मंजूरियां भी लेनी पड़ी हैं। प्राकृतिक सौंदर्य से भरी इस पहाड़ी के बीच 8 लेन की सड़क बनाना खास चुनौतीपूर्ण काम है।
8 किलोमीटर तक होगी खुदाई
एनएचएआई ने बताया कि 4.150 किलोमीटर लंबी सुरंग को बनाने के लिए 8 किलोमीटर तक खुदाई करनी होगी। इसका ज्यादातर काम पूरा हो चुका है।
सुरंग के ऊपर मुख्य पहाड़ी होगी, जो कई तरह के जंगली जानवरों से भरी है। टनल के बाहर का रास्ता भी जंगली जानवरों से बचाव वाले सिस्टम से लैस होगा। टनल को बनाने का काम जारी है और एनएचएआई का अनुमान है कि साल के आखिर तक यह तैयार हो जाएगी।
क्या है टनल की खासियत
यह सुरंग वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे का हिस्सा है। टनल ठाणे जिले के भोई गांव से लेकर रायगढ़ जिले के पनवेल स्थित मोरबे गांव तक बनाई जा रही है। इस टनल में 8 क्रॉस पासेज बनाए जा रहे हैं जो जंगली जानवरों को सड़क पार करने में मदद करेंगे।