ब्लिट्ज ब्यूरो
फर्रुखाबाद। देश-दुनिया में चर्चित पर्यटन स्थल संकिसा फ़र्रूख़ाबाद जिले के पखना रेलवे स्टेशन से सात मील दूर काली नदी के तट पर स्थित है। बता दें यह स्थान बौद्ध-धर्म को केंद्रित स्थान है। इसका प्राचीन नाम संकाश्य था, अब इसे संकिसा कहा जाता है।
जानकार कहते हैं कि भगवान बुद्ध स्वर्ग से सोने की सीढ़ियों द्वारा उतर कर यहीं पर आये थे। तब से बौद्ध अनुयायी और समाज भी इसे अपना तीर्थ स्थान मानता है। वहां स्थित बौद्ध स्तूप को काफी पवित्र स्थान माना जाता है। यहां पर परिक्रमा करने के लिए देश के साथ ही विदेश से भी बड़ी संख्या में अनुयायी आते हैं।
– महाभारत में भी है इस जगह का जिक्र
संकिसा के महंत दामोदर ने बताया कि बौद्ध धर्म का दो दिन का मेला होता है। साथ ही बौद्ध जयंती पर भी आयोजन होते है। संकिसा का वर्णन महाभारत में भी किया गया है, इसे लेकर कई मान्यताएं भी हैं जिनमें ई ंटों के ढेर में बनी बिसहरि देवी का मंदिर अलग ही महत्व रखता है। श्रीलंका व कंबोडिया जैसे तमाम देशों में बिसहरि देवी की पूजा अर्चना की जाती है।
महात्मा बुद्ध ने बिताया समय
महात्मा बुद्ध ने भी संकिसा में आकर कुछ वर्ष व्यतीत किए थे। सुरक्षा के मद्देनजर संकिसा मंदिर के निकट एक पुलिस चौकी भी बनाई गई है। 24 घंटे उत्तर प्रदेश सरकार की पुलिस तैनात रहती है। जिस समय यहां मेले का आयोजन होता है, उस समय हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है जिनमें हजारों विदेशी पर्यटक भी होते हैं।
किन देशों से आते हैं लोग
बौद्ध धर्म की तपोस्थली संकिसा के लिए साल भर हजारों की संख्या में जत्थे पहुंचते हैं। श्रीलंका, म्यांमार, जापान, कंबोडिया कोरिया, मलेशिया, भूटान, थाईलैंड के साथ-साथ तिब्बत, बिहार और बोधगया से लाखों बौद्ध अनुयाई आते हैं।