ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। फिल्म ‘मिमी’ के लिए अभिनय का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाने वाली अभिनेत्री कृति सेनन को इस बात पर सख्त एतराज है कि लगातार फ्लॉप फिल्में देने के बाद भी हिंदी सिनेमा के हीरो मोटी रकम निर्माताओं से ऐंठ रहे हैं, लेकिन अभिनेत्रियों को उनकी फीस का दसवां हिस्सा ही थमाया जा रहा है।
कृति सेनन का करिश्मा इन दिनों खूब कमाल दिखा रहा है। फिल्म ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ में रोबोट सिफरा का किरदार निभाने के बाद इस साल उनकी एक और फिल्म ‘क्रू’ ने भी खूब सुर्खियां बटोरी हैं। भले ही इन फिल्मों से पहले उनकी ‘बच्चन पांडे’, ‘भेड़िया’, ‘शहजादा’, ‘आदिपुरुष’ और ‘गणपत’ जैसी फिल्में कतार से फ्लॉप रही हों, लेकिन उनका जोश कम नहीं हुआ है। वह कहती हैं, किसी हीरो से कभी नहीं पूछा जाता कि वह लगातार फ्लॉप फिल्में देने के बावजूद फिल्म के बजट का आधे से ज्यादा हिस्सा क्यों ले जा रहा है, वह तो अपनी फीस कम नहीं करते हैं, लेकिन हीरोइन के लिए यह सवाल सबसे पहले आता है। कृति सेनन इस बात से बहुत खुश हैं कि दीपिका पादुकोण जैसी अभिनेत्रियां अब फिल्मों में हीरो के बराबर या उनसे भी अधिक फीस लेने लायक हो चुकी हैं। उनका जोर इसी बात पर है कि भारतीय सिनेमा में हीरो और हीरोइन के बीच फीस का अंतर कम होना चाहिए। ‘क्रू’ के बाद कृति जल्द ही नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने वाली फिल्म ‘दो पत्ती’ में काजोल के साथ नजर आएंगी। इस फिल्म की वह सह निर्माता भी बन चुकी हैं।