ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अब लोगों को जल्द ही टोल टैक्स कटवाने के लिए टोल प्लाजा पर लाइन लगाने से मुक्ति मिलने वाली है। जी हां, एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एनएचएआई ने गाड़ी मालिकों को बैरियर- फ्री टोलिंग अनुभव प्रदान करने के लिए जीएनएसएस-बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन के लिए ग्लोबल लेवल पर बिड के लिए फर्मों को इनवाइट किया है। इस बिड के लिए ग्लोबली इनवाइट करने का मतलब है कि अब भारत का टोल कलेक्शन सिस्टम वर्ल्ड क्लास होने वाला है। इसका उद्देश्य राजमार्गों पर फिजिकल टोल बूथों को बंद करना है।
ग्लोबल एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट
एनएचएआई द्वारा प्रमोटेड कंपनी भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड ने इनोवेटिव और क्वॉलिफाइड कंपनियों को ग्लोबल एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) के लिए इनवाइट किया है। भारत को एक ऐसी कंपनी की तलाश है, जो पूरे देश में जीएनएसएस-बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू कर सके।
मौजूदा फास्टैग इको सिस्टम होगा मोडिफाइड
बयान में कहा गया है कि एनएचएआई ने मौजूदा फास्टैग इको सिस्टम के अंदर जीएनएसएस-बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) सिस्टम को लागू करने की योजना बनाई है। शुरुआत में एक हाइब्रिड मॉडल का यूज किया जाएगा, जहां आरएफआईडी-बेस्ड ईटीसी और जीएनएसएस-बेस्ड ईटीसी, दोनों एक साथ काम करेंगे।
जीएनएसएस सपोर्टिव लेन उपलब्ध होंगी
बयान के अनुसार, टोल प्लाजा पर जीएनएसएस सपोर्टिव लेन उपलब्ध होंगी, जिससे जीएनएसएस-बेस्ड ईटीसी का यूज करने वाले वाहनों को स्वतंत्र रूप से गुजरने की अनुमति मिलेगी। एडवांस सैटेलाइट टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने के लिए ईओआई का लक्ष्य अनुभवी और सक्षम कंपनियों की पहचान करना है, जो मजबूत, स्केलेबल और कुशल टोल चार्जर सॉफ्टवेयर प्रदान कर सके। इसके अलावा वो ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोल के कार्यान्वयन के लिए रीढ़ की हड्डी के रूप में काम करे।
टोल चोरों पर लगाम लगाने में मिलेगी मदद
भारत में जीएनएसएस आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के कार्यान्वयन से राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की सुचारू आवाजाही में सुविधा होगी। इसमें कहा गया है कि जीएनएसएस आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के परिणामस्वरूप अधिक कुशल टोल संग्रह भी होगा, क्योंकि यह टोल चोरों पर लगाम लगाने में मदद करेगा।