गुलशन वर्मा
वाराणसी। काशी में अब महिलाएं घरों की दहलीज में बंधी नहीं हैं। चूल्हा-चौका संभाल रही हैं तो आजादी के साथ सपने भी बुन रही हैं। बिंदास होकर खेती बाड़ी से लेकर ड्रोन तक उड़ा रही हैं।
कैटरिंग की ब्रांड एंबेसडर चंदा देवी, काशी विद्यापीठ ब्लाक के माधोपुर गांव को दिशा देने वाली ग्राम प्रधान सुमन व भीटी की ग्राम प्रधान डा. रीना सोनकर, बैंक की सेवा को घर-घर तक पहुंचाने वाली बीसी सखी शशि वर्मा, रिया शर्मा, ड्रोन लाइसेंस प्राप्त करने वाली संगीता देवी समेत दर्जनों नाम अब परिचय के मोहताज नहीं हैं।
महिलाओं ने ये सब उपलब्धियां अपने हौसले से हासिल की हैं। सरकार ने सिर्फ राह सुझायी है। इस वक्त महिला समूहों से जुड़कर एक लाख, 40 हजार महिलाएं छोटे-छोटे उद्यम व कारोबार के जरिए स्वावलंबी बनी हैं। अब रोजगार के लिए ये किसी दफ्तर में दौड़ नहीं लगाती हैं बल्कि अपनी तरह अन्य बहनों को स्वरोजगार से जोड़ रही हैं।
बैंक आफ बड़ौदा से 110 महिलाएं (बीसी सखी बैंक- करस्पांडेंट) जुड़कर बैंक सुविधा को लाभार्थियों के आंगन तक पहुंचा रही हैं। इसी तरह 435 महिलाएं बतौर बिजली सखी के रूप में उपभोक्ताओं के घर तक बिल पहुंचाकर बिजली बिल की वसूली में हाथ बंटा रही हैं। जनपद में 31 हजार महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं।
3940 महिलाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में यशोदा की भूमिका निभा रही हैं तो वहीं प्रधानमंत्री स्वनिधि की छांव में लगभग बीस हजार महिलाएं अपने कारोबार को लगातार बढ़ा रही हैं। मुद्रा योजना की मदद से 17032 महिलाएं अपने उद्यम को नवीन फलक देने में जुटी हैं। सरकार की ओर से महिलाओं के लिए संचालित योजनाओं से परोक्ष व अपरोक्ष रूप से लगभग 15 लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। आर्थिक रूप से समृद्ध हो रही हैं।
प्रशासन ने हाथों-हाथ लिया था सुझाव
पीएम के चंदा देवी पर सुझाव को सरकारी मशीनरी ने हाथों हाथ लिया और चंदा देवी को ब्रांड एंबेसडर बनाते हुए काशी प्रेरणा दीदी कैटरिंग की लांचिंग की। इस कैटरिंग में चंदा के अलावा सुमन, मनोरमा, दुर्गावती, आशिका, पूजा, संजू, रिंका, कुमारी, उर्मिला, सरोजा, रिंकी, शर्मिला, निशा, संतोषी को शामिल किया गया है।
‘मुन्नी’ की पहल, गांव में श्वेत क्रांति का श्रीगणेश
सेवापुरी ब्लाक के भोरकला गांव की मुन्नी ने पराग डेरी से बातचीत कर रजिस्ट्रेशन कराया। सिक्योरिटी मनी जमा कर महिला दुग्ध उत्पादन केंद्र के नाम से कलेक्शन सेंटर खोला। पराग डेरी की ओर से दूध की जांच समेत अन्य मशीनें उपलब्ध कराई गईं। समूह की 50 महिलाओं के साथ ही आज अस्सी से अधिक किसान इस सेंटर पर दूध दे रहे हैं।
बैंक को घर के आंगन तक पहुंचाती हैं शशि
ब्लाक आराजीलाइन के बेलौड़ी गांव की बीसी सखी शशि वर्मा बैंक आफ बड़ौदा से जुड़कर आज अस्सी लाख तक ट्रांजेक्शन कर रही हैं। शशि कहती हैं कि इस कार्य से एक निश्चित आमदनी होती है लेकिन सेवा करने के भाव से सुकून भी मिलता है। पिछले दिनों गांव की एक बुजुर्ग महिला की तबीयत खराब हो गई। अचानक घर पर फोन आया कि तत्काल पैसे की जरूरत है। बैंक से निकाल देतीं तो इलाज में मदद हो जाती। शशि रात की परवाह किए बिना लाभार्थी के घर पहुंचीं तत्काल दस हजार रुपये उनके बैंक खाते से निकाल उन्हें सौंपे।
पांच महिलाएं ड्रोन पायलट
नागर विमानन, महानिदेशालय (डीजीसीए) की ओर सेवापुरी ब्लाक की संगीता देवी व रीना देवी, पिंडरा की अनिता देवी, काशी विद्यापीठ की उर्मिला पटेल, हरहुआ ब्लाक की सुनिता देवी को ड्रोन पायलट का लाइसेंस जारी किया गया है। इन महिलाओं को हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड के सौजन्य से नमो दीदी योजना के तहत प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय, हैदराबाद की ड्रोन अकादमी में नौ दिन की ट्रेनिंग दिलाई गई थी। अब ये महिलाएं ड्रोन से खेतों में नैनो यूरिया आदि का छिड़काव कर सकेंगी।