गुलशन वर्मा
नई दिल्ली। भारत के ग्रैंडमास्टर डी गुकेश शतरंज के सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन बनने के करीब पहुंच गए हैं। गुकेश ने वर्ल्ड कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट का खिताब जीतकर इतिहास रचा है और अब अगर वह चीन के विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर चैंपियन बनते हैं तो वह भी एक नया कीर्तिमान बनेगा। रूस के गैरी कास्परोव जब 1985 में शतरंज के विश्व चैंपियन बने थे तो उनकी उम्र 22 साल छह महीने और 27 दिन थी। सबसे कम उम्र में शतरंज का विश्व चैंपियन बनने का उनका रिकॉर्ड अब तक कायम है। इस साल किसी भी समय डिंग और गुकेश की भिड़ंत हो, अगर भारतीय ग्रैंडमास्टर जीतते हैं तो उनका शतरंज की दुनिया के सबसे युवा शहंशाह बनना तय है।
ड्रॉ से बन गई बात
गुकेश ने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के 14वें और आखिरी राउंड में अमेरिका के हिकारू नकामूरा से ड्रॉ खेला। गुकेश को जीत के लिए ड्रॉ की ही जरूरत थी और उन्होंने नकामूरा के खिलाफ कोई कोताही नहीं बरती। दोनों का मुकाबला 71 चालों के बाद ड्रॉ पर छूटा। दूसरी ओर फेबियानो कारूआना और इयन नेपोमनियाची की बाजी भी ड्रॉ रही। अगर दोनों में से कोई जीतता तो टाईब्रेक होता। वर्ल्ड चैंपियन के चैलेंजर का निर्धारण करने वाले इस टूर्नामेंट में गुकेश के 14 में से नौ अंक रहे। गुकेश ने इस जीत के साथ कास्परोव का एक रिकॉर्ड भी तोड़ा। कास्परोव 1984 में 22 साल के थे जब उन्होंने रूस के ही अनातोली कारपोव को वर्ल्ड चैंपियनशिप खिताब के लिए चुनौती दी थी। गुकेश यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने वाले विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय भी बने। गुकेश के मैच के बाद दूसरे बोर्ड पर बाजियां चल रही थीं। गुकेश ने कहा, ‘वो 15 मिनट पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा तनावपूर्ण थे। मैं कॉमेंट्री सुन रहा था और फिर मैं अपने ट्रेनर के साथ टहलने निकल गया। उसके बाद मेरे पिता दौड़ते हुए आए और मुझे जानकारी मिली।’
कारूआना, नेपोमनियाची और नकामूरा तीनों के 8.5-8.5 अंक रहे और वे संयुक्त दूसरे स्थान पर रहे। भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रग्नानंदा सात अंक लेकर पांचवें स्थान पर रहे जिन्होंने अजरबैजान के निजत अबासोव को हराया। विदित गुजराती ने फ्रांस के फिरोजा अलीरजा से ड्रॉ खेला और वह छठे स्थान पर रहे। अलीरजा सातवें और अबासोव आठवें स्थान पर रहे।
हंपी को दूसरा स्थान
भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी ने संयुक्त रूप से शीर्ष पर काबिज चीन की टी लेइ को हराकर टाईब्रेकर में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में दूसरा स्थान हासिल किया। चीन की झोंग्यी तान शीर्ष पर रहीं जिन्होंने यूक्रेन की अन्ना मुजिचुक से ड्रॉ खेला। भारत की आर वैशाली लगातार पांचवीं जीत दर्ज करके संयुक्त दूसरे स्थान पर थीं, लेकिन टाईब्रेकर के बाद चौथे स्थान पर रहीं। उन्होंने रूस की कैटरीना लागनो को हराया।
हार से मिली ऊर्जा!
गुकेश का कहना है कि सातवें राउंड में फिरोजा अलीरजा से हारने के बाद उन्हें सबसे युवा कैंडिडेट्स चेस चैंपियन बनने की प्रेरणा मिली। गुकेश ने कहा, ‘मैं शुरू ही से अच्छा महसूस कर रहा था, लेकिन सातवें राउंड में अलीरजा से हारने के बाद मैं निराश था। अगले दिन विश्राम का था और मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा था। इस तरह की हार से मुझे ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है।
हार के बाद मुझे लगा कि अगर अच्छा और सही मानसिकता के साथ खेला तो जीत सकता हूं। टूर्नामेंट में मैने अच्छा खेला और मैं खुशकिस्मत था कि नतीजे पक्ष में रहे।’
गुकेश ने कहा, ‘मैं टाईब्रेकर की तैयारी कर रहा था। मैं अपने ट्रेनर से बात कर रहा था, लेकिन जैसे ही बातचीत शुरू की, हमें पता चला कि अब इसकी जरूरत नहीं है।’
गुकेश ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने दुनिया के कई दिग्गज खिलाड़ियों को काफी कम उम्र में मात दी है। शतरंज इतिहास के सबसे ज्यादा रेटिंग वाले और कई बार के वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन को भी गुकेश से मात मिली है। मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन डिंग लिरेन जब गुकेश के खिलाफ उतरेंगे तो उन पर प्रेशर ज्यादा होगा। दूसरी तरफ गुकेश के पास खोने के लिए कुछ नहीं होगा। उनको भारत के ही कई पूर्व दिग्गजों की सलाह मिलेगी और समर्थन हासिल होगा। इनमें से एक ग्रैडमास्टर विश्वानाथन आनंद भी हो सकते हैं। आनंद खुद पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन हैं और उनका अनुभव गुकेश के काम आ सकता है।
पूरा नाम: डोम्माराजू गुकेश
बर्थडे: 29 मई, 2006
होम टाउन: चेन्नई
ग्रैंडमास्टर बने: साल 2019 में
फिडे रैंकिंग्स/रेटिंग: 16/2743
बेस्ट रैंकिंग्स/रेटिंग: 8/2758
•2015 में अंडर-9 एशियन स्कूल चेस चैंपियन बने
•2018 में वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप्स में अंडर-12 का खिताब जीता
•2019 में 12 साल, 7 महीना, 17 दिन की उम्र में तब दूसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने
•2022 में चेस ओलिंपियाड में 8/8 का स्कोर बनाया और फर्स्ट बोर्ड पर गोल्ड जीता
•2022 में वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराने वाले सबसे युवा प्लेयर बने
•2023 में 2750 फिडे रेटिंग तक पहुंचने वाले इतिहास के सबसे युवा प्लेयर बने
•2023 कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट के लिए क्वॉलिफाई करने वाले तीसरे सबसे युवा बने
•2024 कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट जीतने वाले इतिहास के सबसे युवा प्लेयर बने
गुकेश की उपलब्धि पर पूरी दुनिया से उन्हें बधाई संदेश मिल रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारत के स्टार शतरंज खिलाड़ी को बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- गुकेश, फिडे कैंडिडेट्स जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बनने पर भारत को आप पर गर्व है। टोरंटो में कैंडिडेट्स में गुकेश की उल्लेखनीय उपलब्धि उनकी असाधारण प्रतिभा और समर्पण को दर्शाती है। उनका उत्कृष्ट प्रदर्शन और शीर्ष तक का सफर लाखों लोगों को प्रेरित करता है।
आपकी उपलब्धि पर गर्व है। मुझे निजी तौर पर आप पर बहुत गर्व है जिस तरह से आप कठिन हालात में खेले। इस पल का मजा लीजिए। -विश्वनाथन आनंद, पूर्व वर्ल्ड चैंपियन