ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अमेरिका की मशहूर और प्रतिष्ठित मैग्जीन ‘टाइम’ ने वर्ष 2024 के 100 सर्वाधिक प्रभावशाली हस्तियों में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली कई भारतीय शख्सियतों को स्थान दिया है। इनमें भारतीय मूल की खगोलविद प्रियंवदा नटराजन का भी नाम शामिल है।
अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर
प्रियंवदा नटराजन अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी में खगोल विज्ञान और भौतिकी की प्रोफेसर हैं। वह यूनिवर्सिटी में खगोल विज्ञान विभाग और महिला संकाय फोरम की अध्यक्ष हैं। इसके अलावा वह येल यूनिवर्सिटी में साइंस एंड ह्यूमिनिटी स्ट्रीम के इंटर डिसिप्लिनरी फ्रेंक प्रोग्राम की निदेशक भी हैं।
नटराजन ने दिल्ली के मशहूर दिल्ली पब्लिक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। यहां से 12वीं पास करने के बाद उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से भौतिकी और गणित में स्नातक की डिग्री हासिल की।
– कैम्बि्रज यूनिवर्सिटी से 1999 में की पीएचडी
नटराजन ने एमआईटी के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समाज कार्यक्रम में विज्ञान, इतिहास और दर्शनशास्त्र में स्नातक किया है। नटराजन ने बाद में कैम्बि्रज यूनिवर्सिटी के खगोल विज्ञान संस्थान से 1999 में पीएचडी की। पीएचडी करने के दौरान ही उन्होंने प्रतिष्ठित आइजक न्यूटन स्कॉलरशिप हासिल की। वह ट्रिनिटी कॉलेज की फेलो भी रही हैं। यह फेलो पाने वाली वह पहली महिला हैं।
सिमुलेशन और मॉडल का इस्तेमाल
नटराजन का रिसर्च ब्लैक होल के अध्ययन पर आधारित है। उनकी स्टडी इस बात पर केंद्रित रही है कि ब्लैक होल कैसे बनते हैं, वे कैसे बढ़ते हैं और अपने परिवेश को कैसे प्रभावित करते हैं। वह यह समझने के लिए सिमुलेशन और मॉडल का इस्तेमाल करती हैं कि ब्लैक होल अपने मेजबान आकाशगंगाओं और बड़े ब्रह्मांड के साथ कैसे बातचीत करते हैं।
कुल मिलाकर उनका काम ‘अदृश्य ब्रह्मांड’ का नक्शा बनाना है। वह ब्लैक होल और ब्रह्मांड के शुरुआती चरणों में आकाशगंगाओं के निर्माण और विकास के साथ उनके संबंधों को उजागर करती हैं। उनका लक्ष्य ब्लैक होल के विकास में शामिल सभी प्रक्रियाओं की खोज करना और विभिन्न उपकरणों का उपयोग कर यह अनुमान लगाना है कि हम उनसे क्या सीख और परख सकते हैं।