ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल चैटजीपीटी का नया वर्जन अब और ज्यादा स्मार्ट हो गया है। जीपीटी- 40 नेचुरल आवाज में बातचीत करने में सक्षम है। कहीं, आपको भी तो डर नहीं कि यह आपकी जॉब ले लेगा। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि नया मॉडल वर्कफोर्स पर उलटा असर डालेगा। उनका कहना है कि जीपीटी-40 और दूसरे मल्टीमॉडल हमारे काम करने के तरीके को जरूर बदल देंगे।
एआई एक्सपर्ट मैरिबेल लोपेज ने कहा कि ऐसे एआई मॉडल कई अलग-अलग इंडस्ट्री को प्रभावित करेंगे क्योंकि ये टेक्स्ट, विडियो और ऑडियो को हैंडल करते हैं लेकिन जरूरी नहीं कि वे सभी प्रभाव नकारात्मक ही हों। उदाहरण के लिए इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर और अन्य कर्मचारी अपने काम को आसान बनाने के लिए मल्टीमॉडल एआई का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे वर्कर जो किसी उपकरण को ठीक करते हैं, उनकी मदद के लिए एआई इमेज काफी कारगर हो सकती है। लेकिन यह उनकी जगह नहीं लेगा क्योंकि उपकरण ठीक करने के लिए तो इंसान की जरूरत होगी ही।
लोपेज का कहना है कि एआई हर उस जॉब पर असर डालेगा जिसमें डेटा का इस्तेमाल होता है। आम राय है कि जो लोग कंप्यूटर पर काम करते है, उनका 20 से 30 प्रतिशत काम एआई निपटा देगा। इसका मतलब ये नहीं है कि वे बेरोजगार हो जाएंगे। जिस काम में कोई इंसान घंटों लगा देता है, एआई उसे मिनटों में निपटा देगा। एआई की चुनौती यह है कि यह हम सभी को अपने स्किल को बढ़ाने के लिए मजबूर करेगा। यह ऐसा बदलाव है जो हम सभी के लिए होगा।