ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। ब्लिट्ज इंडिया समूह के चेयरमैन और प्रधान संपादक दीपक द्विवेदी ने कहा है कि विविध कारणों से आज के दौर में रीडिंग और राइटिंग हैबिट बहुत कम हो गई है। ऐसे में देश की समृद्ध सांस्कृतिक, सामाजिक परंपराओं, डोगरा व अन्य राजवंशों के गौरवशाली इतिहास, उपलब्धियों, धरोहरों के बारे में जानकारी अगली पीढ़ी तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया है। दीपक द्विवेदी दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में डोगरा समुदाय के वैभवशाली इतिहास पर डा. एनएन पंडिता द्वारा लिखित पुस्तक ‘कश्मीर अंडर द डोगराज’ के विमोचन के अवसर पर आयोजित विशेष समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में डा.कर्ण सिंह, विख्यात पत्रकार आलोक मेहता, डा.नंदिनी सिंह कपूर, डा.एसएन पंडिता व अन्य गण्यमान्य उपस्थित थे।
दीपक द्विवेदी ने कहा कि डोगरा वंश का बहुत समृद्ध, गौरवशाली और वैभवशाली इतिहास रहा है। इस इतिहास पर नजर डालने से पहले हमें महाराज गुलाब सिंह, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित प्रेमनाथ डोगरा व महाराजा हरिसिंह के बारे में जानना होगा। इनके बिना डोगरा इतिहास की चर्चा करना निर्जीव सा लगेगा। दीपक द्विवेदी ने डोगरा वंश के अतीत से वर्तमान को जोड़ते हुए एक बड़े घटनाक्रम का जिक्र अपने संबोधन में किया। उन्होंने कहा कि 2019 में जम्मू कश्मीर को लेकर एक बड़ा परिवर्तन हुआ जिससे वहां विकास का नया वातावरण बना। उन्होंने कहा कि यदि महाराजा हरिसिंह ने जम्मू कश्मीर का विलय भारत में न करवाया होता तो देश को 2019 की उपलब्धि हासिल नहीं होती। इसका पूरा श्रेय डोगरा वंश को ही जाता है। इसी के चलते आज हम गर्व के साथ कहते हैं कि जम्मू कश्मीर हमारा अभिन्न अंग है। द्विवेदी ने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब जम्मू-कश्मीर में प्रवेश के लिए परमिट लेना अनिवार्य होता था। इतिहास बताता है कि वरिष्ठ नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 9 मई 1953 को बिना परमिट जम्मू-कश्मीर में प्रवेश किया था। 11 मई को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। तब उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी से कहा था कि आप दिल्ली जाओ और सबको बताओ कि मैंने बिना परमिट जम्मू-कश्मीर में प्रवेश किया और मुझे गिरफ्तार कर लिया गया।
दीपक द्विवेदी ने कहा कि देश व दुनिया के लोग माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करने जाते हैं। बहुत कम लोगों को पता है कि यह मंदिर डा. कर्ण सिंह के पूर्वज महाराजा गुलाब सिंह ने बनवाया था। इस विरासत को कौन बताएगा, कौन प्रेरणा लेगा। रीडिंग हैबिट और राइटिंग, दोनों बढ़ानी पड़ेगी। जम्मू-कश्मीर के इतिहास और डोगरा राजवंश के स्वर्णिम अतीत को अलग-अलग माध्यमों से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाए जाने की आवश्यकता है।
अपने आप में एक संस्था हैं डा. कर्ण सिंह
दीपक द्विवेदी ने आलोक मेहता की बात पर कहा कि भारत रत्न सरकारी व्यवस्था है। डा. कर्ण सिंह तो भारत के रत्न हैं और रहेंगे। उन्होंने कहा, डा. कर्ण सिंह व्यक्ति नहीं बल्कि अपने आप में एक संस्था हैं। उन्होंने अपना जीवन भाषा, समाज, प्रदेश व संस्कृति के विकास को समर्पित कर दिया।
ब्लिट्ज इंडिया की पेशकश
इस अवसर पर ब्लिट्ज इंडिया के चेयरमैन और प्रधान संपादक दीपक द्विवेदी ने उपस्थित गण्यमान्यजनों से कहा कि आप जिस भी साहित्य, संस्कृति, विरासत के बारे में आग्रह करेंगे, ब्लिट्ज इंडिया उस सामग्री को हर सप्ताह छाप कर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोग करने के लिए तैयार है।