ब्लिट्ज ब्यूरो
ह्यूस्टन। बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर सवार होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के रास्ते में अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर ने उड़ान क्षमता (मैनुअल पायलटिंग) का परीक्षण भी किया। दोनों ने अंतरिक्ष यान के सदस्यों के तौर पर अपने हाथों में इसका नियंत्रण लेकर इतिहास रच दिया है।
ऐसा करने वाली सुनीता पहली महिला बन गई हैं। यद्यपि अंतरिक्ष यान आमतौर पर ऑटो होता है, लेकिन चालक दल ने करीब दो घंटे की ऑटो उड़ान के दौरान यान को खुद से नियंत्रण में लिया। उन्होंने स्टारलाइनर को पृथ्वी की ओर किया ताकि सेवा मॉड्यूल के पीछे इसका संचार एंटीना ट्रैकिंग और डाटा रिले उपग्रहों की ओर हो सके। इसके बाद उन्होंने यान को इस तरह से घुमाया कि उसका सूर्य की ओर घुमाव हो ताकि जरूरत पड़ने पर वे आंतरिक बैटरी को चार्ज कर सकें। करीब दो घंटे की ऑटो उड़ान के दौरान उन्होंने स्टारलाइनर को नियंत्रित किया।
इस पूरी कवायद का उद्देश्य यह दिखाना था कि यदि तीनों उड़ान कंप्यूटर एक ही समय में बंद हो जाएं तो वे अंतरिक्ष में काम कर सकते हैं। उन्होंने मैनुअली यान की गति बढ़ाई और फिर इसे धीमा किया, ताकि जरूरी हो तो क्रू दल खुद ही अंतरिक्ष स्टेशन की कक्षा से अलग हो सके।
हमें अंतरिक्ष ले चलो और वापस ले आओ
सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में उड़ान से पहले कैलिप्सो से कहा कि हमें अंतरिक्ष ले चलो और वापस भी ले आओ। विलियम्स का उड़ान भरने के वक्त का संदेश अब वायरल हो रहा है। सुनीता की मां बोनी पांड्या ने बताया कि उड़ान भरने से कुछ घंटे पहले उनकी बेटी काफी सकारात्मक थी और अंतरिक्ष में उड़ान भरने को लेकर बहुत खुश