डॉ. सीमा द्विवेदी
नई दिल्ली। दिल का रास्ता पेट से होकर जाता है, यह तो आपने सुना होगा, लेकिन क्या आपको यह पता है कि आपके दिमाग का रास्ता भी पेट से जाता है। सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा, लेकिन यह सच है। हाल ही में ‘अल्जाइमर और डिमेंशिया: द जर्नल ऑफ द अल्जाइमर एसोसिएशन’ में आई एक स्टडी में पाया गया कि गट में पाया जाने वाला एक बैक्टीरिया अल्जाइमर के खतरे को बढ़ा सकता है।
इस स्टडी में 50 साल से अधिक उम्र के 40 लाख लोगों के मेडिकल डाटा का विश्लेषण किया गया और पाया गया कि जिन व्यक्तियों में एच.पिलोरी बैक्टीरिया, जो आपके गट में पाया जाता है, का इन्फेक्शन पाया गया, उनमें अल्जाइमर का खतरा 11 फीसदी बढ़ जाता है। इस इन्फेक्शन की वजह से अपच, अल्सर और यहां तक कि पेट के कैंसर का भी खतरा रहता है। चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई कि यह बैक्टीरिया दुनिया की दो-तिहाई आबादी के गट में पाया जाता है।
इस स्टडी के शोधकर्ताओं ने इस बात के बारे में भी चिंता जताई कि दुनिया में लाखों लोग अल्जाइमर से पीड़ित हैं और डेमोग्राफिक बदलाव की वजह से आपकी यह संख्या और अधिक तेजी से बढ़ सकती है। इसलिए जरूरी है कि इस खतरनाक बीमारी से बचाव के तरीकों को अपनाया जाए।
अल्जाइमर से बचाव के उपाय
फिजिकली एक्टिव रहें : आपकी सेहत के लिए फिजिकल एक्टिविटी काफी जरूरी होती है। इसकी मदद से बेहतर सोचने और स्ट्रेस और डिप्रेशन का खतरा कम होता है और नींद भी बेहतर आती है।
हेल्दी डाइट खाएं : अपनी डाइट में हरी सब्जियां, फल, नट्स आदि शामिल करें। प्रोसेस्ड फूड आइटम्स को अपनी डाइट में शामिल न करें। एक स्टडी के मुताबिक भी मेडिटिरेनियन डाइट खाने से अल्जाइमर का खतरा कम हो जाता है।
स्मोकिंग न करें : स्मोकिंग करने से आपकी सेहत पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे आपकी कॉग्निटिव हेल्थ भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए स्मोकिंग न करें।
भरपूर नींद लें : नींद की कमी की वजह से अल्जाइमर का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। इसलिए रोज 7-8 घंटे की लगातार नींद लें।
कानों का ख्याल रखें: अगर आपको सुनने में कोई तकलीफ होती है, तो डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज कराएं। सुनाई देने में तकलीफ होने की वजह से अल्जाइमर का खतरा बढ़ जाता है।