ललित दुबे
वाशिंगटन। अब अमेरिका में रहने की राह आसान होने वाली है। राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार ‘स्टार्टअप एंड स्टे’ की नई स्कीम लाई है। इसके तहत दो करोड़ रुपए के निवेश वाले स्टार्ट अप को शुरू करने पर अमेरिका में पांच साल तक रहने की मंजूरी मिलेगी। उद्यमी की पत्नी अथवा पति और स्टार्टअप के तीन लोग रह सकेंगे। उद्यमी को दो करोड़ रुपए का निवेश अमेरिका से पाना होगा। इसके लिए भारत से उद्यमियों को स्टार्ट अप प्लान भेजना होगा। कोई भी अमेरिकी निवेशक दो करोड़ का निवेश कर भारत से उद्यमियों को बुला सकेंगे। एक अन्य प्रावधान के तहत यदि किसी भारतीय उद्यमी को अमेरिकी सरकार से सीधे स्टार्टअप के लिए 88 लाख रुपए का अनुदान (ग्रांट) मिलता है तो वह भी आ सकता है। अक्टूबर से शुरू होने वाली स्कीम से लगभग 60 हजार भारतीयों को फायदा मिलने की संभावना है।
‘स्टार्टअप एंड स्टे’ स्कीम में पांच साल के बाद भारतीय स्टार्टअप उद्यमी अपने स्टे को बढ़ा भी सकता है। इसके लिए उसे रोजगार की ग्रोथ दिखानी होगी। यदि ये सकारात्मक रही तो उद्यमी को फिर पांच साल के लिए स्टे अथवा ग्रीन कार्ड पाने की योग्यता मिल जाएगी। अभी ई-2 और ईबी-5 कैटेगरी में वीसा पाने के लिए 50 करोड़ रुपए तक के निवेश की जरूरत होती है।
एआई में 35 प्रतिशत भारतीय स्टार्टअप, 3 साल में दोगुने
अमेरिका में भारतीयों के 35 प्रतिशत स्टार्टअप एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) सेक्टर में हैं। तीन साल के दौरान ये दोगुने हो गए हैं। एआई का ग्रोथ रेट सबसे ज्यादा है। अमेरिका में अन्य भारतीय स्टार्टअप मुख्य रूप से आईटी, सॉफ्टवेयर, फार्मा और एजुकेशन में हैं। अभी 80 प्रतिशत भारतीय स्टार्ट अप सिलिकन वैली में तथा अन्य स्टार्टअप सिएटल-टैक्सास में हैं।
क्यों लाई गई स्कीम
अमेरिकी सरकार ने भारतीय स्टार्टअप से स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा है। अभी अमेरिका में भारतीयों के 9700 स्टार्टअप हैं। लगभग दो लाख करोड़ रुपए की नेट वर्थ वाले इन स्टार्टअप से लगभग दो लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। अमेरिका पांच साल में इसे दो गुना करना चाहता है। अमेरिका में बेरोजगारी की दर अभी 4.10 प्रतिशत है। स्थानीय उद्यमी रोजगार के अवसरों को बढ़ा नहीं पा रहे हैं। यूएस एम्पलायमेंट रिपोर्ट 2024 के अनुसार भारतीय स्टार्टअप से रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जा सकता है।