सिंधु झा
पिछले एक दशक के दौरान सामाजिक सुरक्षा के प्रति भारत के दृष्टिकोण में उल्लेखनीय बदलाव आया है, जो अल्पकालिक उपायों के बजाय दीर्घकालिक सशक्तिकरण एवं दूरदर्शी टिकाऊ प्रभाव पर केंद्रित हो गया है। इस बदलाव के कारण अधिक क्षमतावान कल्याणकारी व्यवस्था तैयार हुई है और इसने देश भर में मानव विकास के लिए एक ठोस आधार तैयार किया है।
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) जैसे कार्यक्रम ने लोगों को मुफ्त अनाज प्रदान करते हुए देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है। इसी प्रकार पीएम उज्ज्वला योजना मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करती है, आयुष्मान भारत योजना सार्वभौम स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करती है, जल जीवन मिशन के तहत लोगों के घर तक नल के जरिये पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है और पीएम-आवास योजना किफायती मकानों की गारंटी देती है। इन सब योजनाओं से बदलाव को रफ्तार मिली है। ये कार्यक्रम लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने के बजाय भविष्य के लिए सामाजिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करते हैं और लोगों को अपनी योग्यता के आधार पर आगे बढ़ने के लिए सही उपकरणों से लैस करते हैं।
पीएमजीकेएवाई योजना
खाद्य सुरक्षा के तहत पीएमजीकेएवाई दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक कल्याण योजना है जिसका उद्देश्य खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को हर महीने मुफ्त अन्न उपलब्ध कराया जाता है। यह योजना गरीब लाभार्थियों के वित्तीय बोझ को दूर करती है और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) की राष्ट्रव्यापी एकरूपता एवं प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करती है।
स्वच्छ भारत मिशन
इसी तरह स्वच्छ भारत मिशन है जिसके अंतर्गत 2014 में अपनी स्थापना के बाद स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण के तहत लगभग 12 करोड़ शौचालय और 2.33 लाख सामुदायिक शौचालय परिसरों का निर्माण हुआ है। इस व्यापक स्वच्छता कवरेज ने न केवल स्वच्छता एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार किया है, बल्कि महिलाओं को निजता एवं सम्मान प्रदान करते हुए उन्हें सशक्त भी बनाया है।
जल सुरक्षा की बात करें तो अगस्त 2019 से मार्च 2024 के बीच भारत में जल जीवन मिशन के तहत नल-जल कनेक्शन प्राप्त करने वाले परिवारों में जबरदस्त उछाल दर्ज की गई है, जो 3.23 करोड़ से बढ़कर 14.50 करोड़ हो चुकी है। अब करीब 75 प्रतिशत भारतीय परिवार आसानी से उपलब्ध नल-जल की सुविधा और स्वास्थ्य लाभ का आनंद उठा रहे हैं। यह लाखों नागरिकों के लिए सुरक्षित पेयजल तक पहुंच में एक बड़ी छलांग है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी) ने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के लिए क्रमशः (13 मार्च, 2024 तक) 3.31 करोड़ और 81.03 लाख मकानों का निर्माण करते हुए किफायती आवास की आवश्यकता को पूरा किया है।
पीएम उज्ज्वला योजना
स्वच्छ रसोई ईंन्धन मुहैया करने की दिशा में 2016 में शुरू की गई पीएम उज्ज्वला योजना के तहत 10.3 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन (13 मार्च 2024 तक) प्रदान किए गए हैं। इससे गरीब परिवार भी स्वच्छ रसोई ईंन्धन का उपयोग करने के लिए सशक्त हुआ है। इससे सांस संबंधी बीमारियों से बचने में मदद मिली है। महिलाओं को कठिन परिश्रम से राहत मिली है और वे अन्य अवसरों को हासिल करने के लिए सशक्त बनी हैं। विकास व खुशहाली के लिए बिजली की उपलब्धता आवश्यक है। सौभाग्य योजना में मार्च 2021 तक बिना बिजली वाले 2.81 करोड़ से अधिक परिवारों को बिजली उपलब्ध कराई गई है।