ब्लिट्ज ब्यूरो
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज कई बार कह चुकी हैं कि यूएनएससी को 21वीं सदी के लायक बनाया जाए। भारत ने अनेक बार यूएनएससी में बदलाव का मुद्दा उठाया है।
रुचिरा कंबोज ने कहा- ग्लोबल साउथ के देश बिना सीट, बिना अधिकार और बिना आवाज के यूएनएससी में आते और चले जाते हैं। हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि यूएनएससी के ज्यादातर स्थायी सदस्य खुद भी यह मानते हैं कि परिषद में और सदस्यों को शामिल करके ही इसे 21वीं सदी के लायक बनाया जा सकता है। हमें यह समझने की जरूरत है कि अभी जो देश यूएनएससी के स्थायी सदस्य हैं, उनका चुनाव 20वीं सदी की राजनीति के आधार पर हुआ था, लेकिन अब समय बदल गया है।
उन्होंने कहा कि स्थायी सदस्यों की सूची में नए सदस्यों से ही यूएनएससी कारगर बनेगा। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा- ऐसे में अब परिषद में स्थायी सदस्यों के कॉन्सेप्ट को नया लॉजिक देने के लिए इसमें बदलाव करना होगा। स्थायी सदस्यों की सूची में नए देशों का नाम जोड़कर ही काउंसिल को कारगर बनाया जा सकता है।