मनोज जैन
रोहतक। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि सनातन सर्वत्र है, जो आत्मा के रूप में शरीर में निवास करता है। सनातन हमेशा बना रहेगा। संस्कृति व धर्म सनातन पर आधारित है। सनातन में सभी मतों व संप्रदायों का समावेश है। हमारे लिए देश, धर्म व संस्कृति ही सर्वोपरि है। मनुष्य को सत्य, पवित्रता, सामूहिक पुरुषार्थ व समर्पण को अपने आचरण में शामिल करने का संकल्प लेना चाहिए।
मोहन भागवत स्थानीय श्रीबाबा मस्तनाथ मठ में ब्रह्मलीन महंत चांदनाथ योगी जी की स्मृति में शंखढाल व मूर्ति स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित संत समाज व भक्तों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अध्यात्म से जुड़े कई अन्य बिंदुओं पर भी अपने विचार व्यक्त किये।
– योग परम्परा नाथ संप्रदाय की देन : बाबा रामदेव
– महंत चांदनाथ की स्मृति में शंखढाल व मूर्ति स्थापना में उमड़े दिग्गज
इस अवसर पर उपस्थित यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज समूचा विश्व भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है। योगी आदित्यनाथ, जो नाथ संप्रदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि सभी मतों व संप्रदायों का लक्ष्य सनातन को पुनर्स्थापित करना है। उन्होंने श्रीबाबा मस्तनाथ मठ की धरती को साधना स्थली की संज्ञा देते हुए कहा कि इस पवित्र भूमि पर नाथ संप्रदाय के विभिन्न महंतों ने तपस्या कर लोगों के कल्याण के लिए हमेशा कार्य किया है तथा यह मठ निरंतर मानव कल्याण के कार्य में लगा हुआ है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण निर्माण जारी है। हमें अपना कर्म करना चाहिए। भगवान कर्म का फल अवश्य देते है। इस मौके पर मौजूद योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि योग परम्परा नाथ संप्रदाय की देन है। वह बोले, श्री बाबा मस्तनाथ मठ है गुरु-शिष्य परम्परा का प्रतीक। नाथ संप्रदाय में सभी जातियों व सभी संस्कृतियों का समावेश है। नाथ संप्रदाय के पास अनेक सिद्धियां है। उन्होंने इस मठ को सनातन का गौरवकाल बताया। श्रीबाबा मस्तनाथ मठ में अनेक महंतों ने कठिन तपस्या की है। मठ में शिक्षा व सनातन के प्रचार के लिए अनेक संस्थान स्थापित हैं।