ब्लिट्ज विशेष
नई दिल्ली। 26 जनवरी 2024 को कर्तव्य पथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में सिर्फ महिलाओं को शामिल किया जाएगा। परेड के अलावा मार्चिंग दस्ता, झांकी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी सिर्फ महिलाएं ही नजर आएंगी। रक्षा मंत्रालय ने मिलिट्री फोर्सेस और परेड में शामिल होने वाले अन्य विभागों को चिट्ठी लिखकर इसकी जानकारी दी है।
केंद्र सरकार ने पिछले कुछ साल में आर्म्ड फोर्सेस में जेंडर इक्वैलिटी को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं को कमान देने और भविष्य की लीडरशिप के लिए उन्हें तैयार करने के मकसद से कई बड़े फैसले लिए हैं। पिछले महीने 29 अप्रैल को पांच महिला अधिकारियों को आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल किया गया है। इन्हें पाकिस्तान और चीन की सीमा पर नियुक्त किया गया है।
-भविष्य की लीडरशिप में महिलाओं के लिए तैयार किया जा रहा बड़ा आधार
7 फरवरी की बैठक में लिया गया था फैसला
गणतंत्र दिवस परेड में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का फैसला 7 फरवरी को हुई ‘डी-ब्रीफिंग बैठक’ में लिया गया था। रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने की अध्यक्षता में हुई बैठक में सेना, नौसेना, वायु सेना, गृह मंत्रालय, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि गणतंत्र दिवस परेड 2024 में कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान मार्चिंग और बैंड, झांकी और अन्य प्रदर्शनों में केवल महिला प्रतिभागी शामिल होंगी। मार्च में रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में लैटर भी भेजा था। गणतंत्र दिवस परेड में शामिल टुकड़ियों का नेतृत्व महिलाएं करती रही हैं। 2023 की परेड में ‘नारी शक्ति’ थीम थी। इस साल 26 जनवरी को आयोजित 74वें गणतंत्र दिवस परेड में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और त्रिपुरा की झांकी में ‘नारी शक्ति’ प्रमुख थीम रखी गई थी।
पहली बार नौसेना की टुकड़ी के 144 सेलर्स का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत ने किया। 3 महिला और 6 पुरुष अग्निवीर पहली बार कर्तव्य पथ पर नजर आए थे।
महिलाएं प्रमुख मोर्चे पर तैनात
कर्नल गीता राणा हाल ही में चीन की सीमा से लगे संवेदनशील लद्दाख क्षेत्र में एक यूनिट की कमान संभालने वाली पहली महिला सैन्य अधिकारी बनी हैं।
इसके अलावा सेना ने पहली बार महिला अधिकारी कैप्टन शिवा चौहान को इसी साल दुनिया के सबसे ऊंचे और ठंडे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में तैनात किया है। सेना ने सूडान में अबेई के विवादित क्षेत्र में 27 महिला शांति सैनिकों की अपनी सबसे बड़ी टुकड़ी भी तैनात की है।
1950 से हो रही गणतंत्र दिवस परेड
पहला गणतंत्र दिवस समारोह 1950 में इरविन स्टेडियम (अब मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम) में आयोजित किया गया था। 1951 से औपचारिक परेड राजपथ(कर्तव्य पथ) पर हो रही है। विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा कई विभाग और मंत्रालय हर साल आकर्षक झांकी के माध्यम से अन्य विषयों के साथ संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करते हैं।