ब्लिट्ज ब्यूरो
देहरादून। चारधाम यात्रा के लिए केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में श्रद्धालुओं की भीड़ प्रशासन के लिए लगातार चुनौती बन रही है। भारी भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने कई बड़े आदेश दिए हैं। उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा है कि चारों धाम के मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में रील्स या वीडियो बनाने पर पाबंदी लगाई गई है। साथ ही वीआईपी दर्शन पर लगी रोक को भी 31 मई तक बढ़ा दिया है। पहले यह रोक 25 मई तक लगाई गई थी।
काउंटर भी अस्थायी तौर पर बंद
इसके अलावा सरकार ने यात्रा के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में लगाए गए काउंटर को भी अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है। दरअसल, ऋषिकेश और हरिद्वार में भी लगातार भारी भीड़ देखने को मिल रही थी।
भीड़ नियंत्रण में दिक्कत
लोग बिना रजिस्ट्रेशन कराए डायरेक्ट दर्शन के लिए धामों में पहुंच रहे थे। इससे वहां भीड़ को नियंत्रण करने में दिक्क त हो रही थी।
– अनेक यात्रियों को गाड़ी में ही रात बिताने के लिए होना पड़ रहा है मजबूर
12 से 15 घंटे तक ट्रैफिक जाम
दिनभर उत्तरकाशी से गंगोत्री के 99 किमी और बरकोट से यमुनोत्री के 46 किमी रूट पर हजारों गाड़ियां 12 से 15 घंटे इंतजार कर ट्रैफिक में रेंगती दिखाई दे रही हैं। सबसे ज्यादा समस्या यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ के पास बनी हुई है। यहां 12-12 घंटे गाड़ियां रोक रहे हैं। रास्ते संकरे हैं और मोटर लोड ज्यादा है, इसलिए पूरी रात ट्रैफिक चालू रखा गया। यात्रियों ने रात गाड़ी में ही बिताई।
सरकार का रुख 5 घंटे में दो बार बदला
इससे पहले, चार धामों में वीडियो शूट पर आ रही आपत्तियों को लेकर राज्य सरकार का रुख 5 घंटे में दो बार बदला। पहले मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मंदिरों के 200 मीटर के दायरे में वीडियो या रील्स नहीं बना सकेंगे। फिर सीएम ने समीक्षा बैठक की। इसके बाद जो आदेश आया, उसमें 200 मीटर दायरे की जगह 50 मीटर लिखा गया।
पांच लाख से अधिक लोग दर्शन कर चुके
अब तक चारों धामों में पांच लाख से अधिक लोग दर्शन कर चुके हैं। 30 लाख से ज्यादा लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
400 डॉक्टर तैनात, इनमें 256 एक्सपर्ट
पहली बार चार धाम यात्रा मार्ग पर 400 से ज्यादा डॉक्टरों की तैनाती की गई है। इनमें 256 इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। फिर भी श्रद्धालु यात्रा में कम से कम 7 दिन का प्लान बनाकर आएं, ताकि घटते-बढ़ते तापमान में शरीर ढलता रहे।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी में कहा है कि चारों धाम 3 हजार मीटर से ऊपर हैं और पहाड़ों पर रुक-रुककर बर्फबारी हो रही है। इसलिए श्रद्धालु 7 दिन का प्लान बनाकर निकलें।