ब्लिट्ज ब्यूरो
नोएडा। अगर आपमें कुछ कर दिखाने की तमन्ना हो तो फिर आपने क्या पढ़ाई की, क्या सीखा, मायने नहीं रखता । यह लाइन खुशबू पर पूरी तरह से लागू होती है। खुशबू ने जिस क्षेत्र में शिक्षा ली, उसमें नौकरी नहीं की। एनसीआर के ही एक गांव में मोती की माला बनते हुए देखी। वहां से हैंडीक्राफ्ट क्षेत्र में काम करने की ठान ली। परिवार किसी अच्छी कंपनी में नौकरी करने के लिए खुशबू से कहता रहा लेकिन उन्होंने वह किया, जो उनको अच्छा लगा। मोती की मालाओं के साथ हैंडीक्राफ्ट के आइटम्स को उन्होंने 20 से ज्यादा देशों में पहुंचाया। आज खुशबू की कंपनी का टर्नओवर करोड़ों में है। खुशबू के माता पिता भी इस बात पर गर्व करते हैं। खुशबू के संघर्ष का सफर आसान नहीं रहा है।
सेक्टर-76 की आम्रपाली सिलिकॉन सिटी सोसायटी में रहने वाली खुशबू सिंह ने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है लेकिन उनको पहचान देश विदेश के हैंडीक्राफ्ट बाजार से मिली। 40 वर्ष की खुशबू को पढ़ाई पूरी करने के बाद एक साल तक नौकरी नहीं मिली। भटकते हुए एनसीआर के एक गांव में मोती की माला बनते हुए देख ली। यह काम ग्रामीण महिलाएं कर रहीं थीं। खुशबू ने इसी काम को आगे ले जाने का विचार किया। 4500 रुपये के वेतन पर एक हैंडीक्राफ्ट कंपनी में 2007 में नौकरी शुरू की।
– 20 देशों में उनके आइटम की धूम
साफ्टवेयर कंपनी का ठुकराया था ऑफर
हैंडीक्राफ्ट की कंपनी में 15 दिन ही नौकरी की थी कि इसी दौरान एक सॉफ्टवेयर कंपनी ने उनको 10 हजार रुपये महीने के वेतन में नौकरी करने का ऑफर किया। खुशबू ने हैंडीक्राफ्ट कंपनी में ही नौकरी करने का निर्णय किया। यहां सैलरी बढ़ती गई। उनके काम और काबिलियत ने कंपनी को ऊंचाई पर पहुंचाया। 2013 में शादी हुई। खुशबू ने नौकरी छोड़ दी। 2017 में खुद की कंपनी शुरू की। 6 सालों में कंपनी का सालाना टर्नओवर अब 9 करोड़ रुपये से ज्यादा है। परिवार में दो बेटियां और पति हैं।
ऑन डिमांड सप्लाई
मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, एटा समेत कई और जिलों में तैयार किया जाने वाला हैंडीक्राफ्ट का कच्चा माल अपनी कंपनी में मंगाया, कस्टमर से बात और ऑन डिमांड उसको मोतियों और अन्य चीजों से सजाया।
इसके बाद सप्लाई करने का काम किया। अब खुशबू ऑन डिमांड यह माल तैयार करातीं हैं। कस्टमर की डिमांड के हिसाब से पहले से कच्चा माल तैयार कराया जाता है। इससे 5 जिलों के 10 गांवों की 150 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार देने का काम हो रहा है।