ब्लिट्ज ब्यूरो
आजकल एक फिल्म के ट्रेलर की चर्चा चारों ओर है। जन-जन के प्रिय नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन, उनके दर्शन, उनकी विचारधारा, सियासत की यात्रा, अथक संघर्ष, संवेदनशीलता, भावुकता आदि पहलुओं को छूता हुआ ‘मैं अटल हूं’ का ट्रेलर सभी के दिलो-दिमाग पर छा गया है। इस फिल्म में अटल जी की भूमिका निभाई है अभिनय को नई परिभाषा देने वाले सहजता और सादगी की प्रतिमूर्ति पंकज त्रिपाठी ने। फिल्म के विविध पक्षों, अटल जी के विराट व्यक्तित्व, खासियतों, चुनौतियों आदि को लेकर पंकज त्रिपाठी ने विशेष साक्षात्कार में बेबाक टिप्पणी की।
पंकज त्रिपाठी ने कहा कि वह बचपन से अटल बिहारी वाजपेयी के फैन रहे हैं। आज यह मेरे लिए सपने जैसा है कि अपने छात्र जीवन में जिस नेता की दूर से ही झलक पाकर धन्य हो जाता था, उस महान नेता का किरदार निभाने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ। पंकज ने बताया कि अटल जी की आवाज हम रेडियो पर सुनते थे या उनकी खबर अखबारों में पढ़ते थे। पंकज त्रिपाठी की शुरुआत में रुचि राजनेता बनने में थी। वह एबीवीपी में शामिल रहे व 2003 में लालू प्रसाद यादव का विरोध करते हुए जेल में भी गए। धीरे-धीरे राजनीति से उनका रुझान घटता गया और वह अभिनय की ओर मुड़ते गए। पंकज त्रिपाठी ने बताया कि शुरू में छोटे-छोटे रोल मिले। पंकज ने हर रोल में किरदार को इतना जीवंत किया कि उनकी ख्याति और डिमांड बढ़ती गई। पंकज ने बताया कि मेरे लिए रोल कभी छोटा नहीं रहा, बल्कि मेरी पूरी दुनिया रही। बकौल पंकज, मेरे कैरेक्टर मुझसे ज्यादा पापुलर रहे। आपको बता दें कि पंकज त्रिपाठी सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार भी पा चुके हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी के पात्र ने पंकज की जीवन शैली को भी प्रभावित किया है। एक सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि इस फिल्म का आॅफर मिलने के बाद मैं असमंजस में पड़ गया था कि यह रोल कर पाऊंगा या नहीं। मैंने रोल के लिए तो हां भर दी थी पर उस समय मेरे पास स्कि्रप्ट नहीं आई थी। तब कुछ मित्रों ने कहा कि यह रोल आपको अवश्य करना है। फिर फिल्म की शूटिंग हुई और अब ट्रेलर आया जो सबको पसंद आ रहा है। अब असली फैसला तो 19 जनवरी को दर्शकों को करना है जब फिल्म रिलीज होगी। फिल्म की शूटिंग के दौरान अटल के बारे में मैंने इतना पढ़ा कि अब स्वयं पुस्तक लिख सकता हूं। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में पंकज त्रिपाठी ने कहा कि दुनिया आपको जिस रूप में देखती है, देखे, आपको अपनी लय में ही डटे रहना है। अटल जी की सौम्यता, करुणा, दया, संवेदना, सहृदयता का मुझ पर इतना असर पड़ा कि अपने को बदला हुआ महसूस कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि आज भी मेरे सिरहाने पर आपको अटल की काव्य कृति ‘मेरी 51 कविताएं’ मिल जाएंगी। उन्होंने कहा, कौन भूल सकता है अटल जी की इस पंक्ति को-
हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा
नारी शक्ति पर भी पंकज त्रिपाठी ने बहुत उम्दा व प्रेरणादायक विचार रखे। कहा, नारी से बड़ा कोई क्रिएटर नहीं। नारी है तो संसार में सौंदर्यबोध है। गांव के साधारण युवक से अभिनेता बनने तक के सफर को पंकज एक परी कथा जैसा बताते हैं। कहा, आत्मा से आज भी मैं गांव का साधारण इंसान हूं। बालीवुड में बड़ा मुकाम पाने वाले पंकज त्रिपाठी ने अपनी आने वाली फिल्मों के बारे में भी जानकारी दी।