संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। एम्स ने उपचार करवाने आ रहे कैंसर, मधुमेह, गठिया और सोरायसिस सहित अन्य मरीजों को बड़ी राहत दी है। ऐसे मरीजों की दवाओं की कमी को देखते हुए मौजूदा सूची में 63 और दवाएं जोड़ी गईं हैं। एम्स की फार्मेसी में उपलब्ध दवाओं की सूची अभी तक 296 थी, जो नए फैसले के बाद बढ़कर 359 हो गई है।
एम्स प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक जेनेरिक फार्मेसी की सूची में विस्तार किया गया है। इस फैसले को लेकर एम्स निदेशक डॉ. (प्रो.) एम श्रीनिवास ने कहा कि इस निर्णय के बाद उपचार करवाने आ रहे हजारों गरीब मरीजों को राहत मिलेगी। एम्स के सक्षम प्राधिकारी ने फार्मेसी में उपलब्ध दवाओं की सूची को मौजूदा 296 दवाओं से बढ़ाकर 359 करने का निर्णय लिया है।
मौजूदा सूची में जो 63 दवाएं जोड़ी गईं उनमें पाल्बोसिक्लिब, डासैटिनिब, मेथोट्रेक्सेट, ट्राइमाज़ेट, मैगेस्टेरोल एसीटेट, ल्यूकोवोरिन शामिल हैं जो कैंसर सहित अन्य रोग में काम आती हैं। इसके अलावा मधुमेह के लिए इस्तेमाल होने वाले दवाएं भी शामिल हैं। इसमें नियमित इंसुलिन, एनपीएच इंसुलिन, इंसुलिन प्रीमिक्स 30/70 भी मुफ्त दवाओं की सूची में शामिल हैं। इस बारे में एम्स की मीडिया प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने कहा कि फार्मेसी उन गरीब मरीजों के लिए आशा की किरण है जो आर्थिक कारणों से दवाएं नहीं ले पाते।
एम्स में एक मरीज के साथ एक तीमारदार
एम्स में मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों की भीड़ को कम करने के लिए प्रशासन ने ‘एक मरीज एक तीमारदार’ का फैसला लिया है। इस फैसले के तहत एम्स के ओपीडी, लैब, वार्ड सहित अन्य जगहों पर एक मरीज के साथ एक तीमारदार रहेगा। हालांकि दिव्यांग, बुजुर्ग व बच्चों को इस नियम से छूट दी गई है। वहीं, वार्ड में भर्ती मरीजों से मिलने के लिए शाम चार बजे से छह बजे तक ही आ सकते हैं। इसे लेकर एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजीव लालवानी ने आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि एम्स में मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों की संख्या काफी है।
इनके कारण एम्स में अकारण भीड़ होती है। इसे कम करने के लिए ‘एक मरीज एक तीमारदार’ का फैसला लिया गया है। बता दें कि एम्स के वार्ड व अन्य जगहों पर करीब तीन हजार मरीज भर्ती रहते हैं। इसके अलावा हर दिन ओपीडी में करीब दस हजार मरीज आते हैं। इन मरीजों के साथ अक्सर तीन से चार तीमारदार साथ आते हैं। यहीं कारण है कि एम्स में हर दिन औसतन 50 से 60 हजार लोग रहते हैं, इसे देखते हुए तीमारदारों की संख्या को सीमित करने का फैसला लिया गया है।
- टैमोक्सीफेन 20 एमजी
- एनास्ट्राजोल 10 एमजी
- पाल्बोसिक्लिब 125 एमजी
- पाल्बोसिक्लिब 100 एमजी
- पाल्बोसिक्लिब 75 एमजी
- गेफ्टिनिब 250 एमजी
- एर्लोटिनिब 150 एमजी
- एरीओटिनिब 100 एमजी
- इमैटिनिब 400 एमजी
- इमैटिनिब 100 एमजी
- डासैटिनिब 50 एमजी
- डेसैटिनिब 20 एमजी
- मेथोट्रेक्सेट 2.5 एमजी
- मेथोट्रेक्सेट 7.5 एमजी
- मेथोट्रेक्सेट 15 एमजी
- मर्कैप्टोप्यूरिन 50 एमजी
- प्रेडनिसोलोन 10 एमजी
- प्रेडनिसोलोन 20 एमजी
- प्रेडनिसोलोन 40 एमजी
- डेक्सामेथासोन 0.5 एमजी
- डेक्सामेथासोन 4एमजी
- थैलिडोमाइड 50 एमजी
- थैलिडोमाइड 100 एमजी
- लेनिलेडोमाइड 10 एमजी
- लेनिलेडोमाइड 15 एमजी
- लेनिलेडोमाइड 25 एमजी
- पोमैलिडोमाइड 2एमजी
- पोमैलिडोमाइड 4एमजी
- इंजेक्शन मेल्फालान 2 एमजी
- इंजेक्शन साइक्लोफॉस्फ़ामाइड 50एमजी
- इंजेक्शन एटोपोसाइड 50 एमजी
- टैब पाजोपानिब 200 एमजी
- पाजोपानिब 400 एमजी
- सोराफेनीब 20Oएमजी
- एबरटेरोन 250 एमजी
- एबरटेरोन 500 एमजी
- कैपेसिटाबाइन 500 एमजी
- टेमोज़ोलैमाइड 20 एमजी
- टेमोज़ोलैमाइड 100 एमजी
- काबोज़ान्टिनिब 60 एमजी
- काबोज़ान्टिनिब 40 एमजी
- कैबोज़ैन्टिनिब 20 एमजी
- ल्यूकोवोरिन 10 एमजी
- ल्यूकोवोरिन 15 एमजी
संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। एम्स ने उपचार करवाने आ रहे कैंसर, मधुमेह, गठिया और सोरायसिस सहित अन्य मरीजों को बड़ी राहत दी है। ऐसे मरीजों की दवाओं की कमी को देखते हुए मौजूदा सूची में 63 और दवाएं जोड़ी गईं हैं। एम्स की फार्मेसी में उपलब्ध दवाओं की सूची अभी तक 296 थी, जो नए फैसले के बाद बढ़कर 359 हो गई है।
एम्स प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक जेनेरिक फार्मेसी की सूची में विस्तार किया गया है। इस फैसले को लेकर एम्स निदेशक डॉ. (प्रो.) एम श्रीनिवास ने कहा कि इस निर्णय के बाद उपचार करवाने आ रहे हजारों गरीब मरीजों को राहत मिलेगी। एम्स के सक्षम प्राधिकारी ने फार्मेसी में उपलब्ध दवाओं की सूची को मौजूदा 296 दवाओं से बढ़ाकर 359 करने का निर्णय लिया है।
मौजूदा सूची में जो 63 दवाएं जोड़ी गईं उनमें पाल्बोसिक्लिब, डासैटिनिब, मेथोट्रेक्सेट, ट्राइमाज़ेट, मैगेस्टेरोल एसीटेट, ल्यूकोवोरिन शामिल हैं जो कैंसर सहित अन्य रोग में काम आती हैं। इसके अलावा मधुमेह के लिए इस्तेमाल होने वाले दवाएं भी शामिल हैं। इसमें नियमित इंसुलिन, एनपीएच इंसुलिन, इंसुलिन प्रीमिक्स 30/70 भी मुफ्त दवाओं की सूची में शामिल हैं। इस बारे में एम्स की मीडिया प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने कहा कि फार्मेसी उन गरीब मरीजों के लिए आशा की किरण है जो आर्थिक कारणों से दवाएं नहीं ले पाते।
एम्स में एक मरीज के साथ एक तीमारदार
एम्स में मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों की भीड़ को कम करने के लिए प्रशासन ने ‘एक मरीज एक तीमारदार’ का फैसला लिया है। इस फैसले के तहत एम्स के ओपीडी, लैब, वार्ड सहित अन्य जगहों पर एक मरीज के साथ एक तीमारदार रहेगा। हालांकि दिव्यांग, बुजुर्ग व बच्चों को इस नियम से छूट दी गई है। वहीं, वार्ड में भर्ती मरीजों से मिलने के लिए शाम चार बजे से छह बजे तक ही आ सकते हैं। इसे लेकर एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजीव लालवानी ने आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि एम्स में मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों की संख्या काफी है।
इनके कारण एम्स में अकारण भीड़ होती है। इसे कम करने के लिए ‘एक मरीज एक तीमारदार’ का फैसला लिया गया है। बता दें कि एम्स के वार्ड व अन्य जगहों पर करीब तीन हजार मरीज भर्ती रहते हैं। इसके अलावा हर दिन ओपीडी में करीब दस हजार मरीज आते हैं। इन मरीजों के साथ अक्सर तीन से चार तीमारदार साथ आते हैं। यहीं कारण है कि एम्स में हर दिन औसतन 50 से 60 हजार लोग रहते हैं, इसे देखते हुए तीमारदारों की संख्या को सीमित करने का फैसला लिया गया है।
- टैमोक्सीफेन 20 एमजी
- एनास्ट्राजोल 10 एमजी
- पाल्बोसिक्लिब 125 एमजी
- पाल्बोसिक्लिब 100 एमजी
- पाल्बोसिक्लिब 75 एमजी
- गेफ्टिनिब 250 एमजी
- एर्लोटिनिब 150 एमजी
- एरीओटिनिब 100 एमजी
- इमैटिनिब 400 एमजी
- इमैटिनिब 100 एमजी
- डासैटिनिब 50 एमजी
- डेसैटिनिब 20 एमजी
- मेथोट्रेक्सेट 2.5 एमजी
- मेथोट्रेक्सेट 7.5 एमजी
- मेथोट्रेक्सेट 15 एमजी
- मर्कैप्टोप्यूरिन 50 एमजी
- प्रेडनिसोलोन 10 एमजी
- प्रेडनिसोलोन 20 एमजी
- प्रेडनिसोलोन 40 एमजी
- डेक्सामेथासोन 0.5 एमजी
- डेक्सामेथासोन 4एमजी
- थैलिडोमाइड 50 एमजी
- थैलिडोमाइड 100 एमजी
- लेनिलेडोमाइड 10 एमजी
- लेनिलेडोमाइड 15 एमजी
- लेनिलेडोमाइड 25 एमजी
- पोमैलिडोमाइड 2एमजी
- पोमैलिडोमाइड 4एमजी
- इंजेक्शन मेल्फालान 2 एमजी
- इंजेक्शन साइक्लोफॉस्फ़ामाइड 50एमजी
- इंजेक्शन एटोपोसाइड 50 एमजी
- टैब पाजोपानिब 200 एमजी
- पाजोपानिब 400 एमजी
- सोराफेनीब 20Oएमजी
- एबरटेरोन 250 एमजी
- एबरटेरोन 500 एमजी
- कैपेसिटाबाइन 500 एमजी
- टेमोज़ोलैमाइड 20 एमजी
- टेमोज़ोलैमाइड 100 एमजी
- काबोज़ान्टिनिब 60 एमजी
- काबोज़ान्टिनिब 40 एमजी
- कैबोज़ैन्टिनिब 20 एमजी
- ल्यूकोवोरिन 10 एमजी
- ल्यूकोवोरिन 15 एमजी