ब्लिट्ज ब्यूरो
गंगटोक। भारतीय सेना ने बाढ़ प्रभावित उत्तरी सिक्किम के चुंगथांग को शेष राज्य से जोड़ने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की सहायता से एक बेली ब्रिज का निर्माण किया है। त्रिशक्ति कोर ने यह पुल चुंगथांग में तीस्ता नदी पर पांच दिन में बनाया है। सेना ने यह जानकारी दी।
हिमालयी राज्य सिक्किम के उत्तरी क्षेत्र में चुंगथांग उन क्षेत्रों में से एक था जो चार अक्तूबर को ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। इस आपदा में सिक्कि म और उत्तरी पश्चिम बंगाल के कम से कम 78 लोगों की जान चली गई थी। सेना ने एक बयान में बताया कि 200 फीट लंबे इस पुल के बन जाने से वाहनों की आवाजाही सुगमता से होगी और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भी आसानी से पहुंचाई जा सकेगी। राज्य के सड़क और पुल मंत्री समदुप लेप्चा ने भारतीय सेना, बीआरओ और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में इस पुल का उद्घाटन किया।
200 फीट का बेली ब्रिज अपने आप में इंजीनियरिंग चमत्कार है क्योंकि यह सबसे लंबा और सबसे भारी सिंगल स्पैन बेली ब्रिज है। चौबीसों घंटे काम करते हुए बीआरओ के अभियंताओं ने शुरुआत में कंक्रीट के ढांचे का निर्माण किया। इसके बाद त्रिशक्ति सैपर्स द्वारा पुल का निर्माण किया गया, जिसमें लगभग पांच दिन लगे। लॉन्च ऑपरेशन 10 नवंबर को शुरू हुआ था। भारतीय सेना के आदर्श वाक्य ‘स्वयं से पहले सेवा’ और व्यावसायिकता को प्रदर्शित करते हुए सैनिकों ने रात-दिन काम किया।
इस ब्रिजिंग ऑपरेशन के लिए त्रिशक्ति कोर और बीआरओ के इंजीनियर सैनिकों के साथ-साथ कई भारी अर्थ मूविंग प्लांटों को नियोजित किया गया था। भारतीय सेना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है और जरूरत की घड़ी में हमेशा देश के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी रहती हैं। इससे पहले 9 नवंबर को त्रिशक्ति कोर और टेलीकॉम कंपनी एयरटेल के अधिकारियों ने सिक्किम की लाचेन घाटी में संचार नेटवर्क बहाल किया था।