ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अमेरिका के एक जाने-माने थिंक टैंक, प्यू रिसर्च सेंटर ने अपनी एक रिसर्च में बताया है कि दुनिया भर में सबसे ज्यादा प्रवासी भारत से आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 76 लाख से ज्यादा हिन्दू जो भारत में पैदा हुए थे, अब विदेशों में रहते हैं। इतना ही नहीं, दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा मुस्लिम प्रवासी भी भारत से ही हैं, जिनकी गिनती लगभग 60 लाख है। प्यू रिसर्च की यह रिपोर्ट में दुनिया भर में हिंदुओं और अन्य धर्मों के लोगों के प्रवासन के तरीकों और उसमें आ रहे बदलावों के बारे में भी बताया गया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का 5 प्रतिशत हिस्सा
रिपोर्ट के अनुसार, 2020 तक दुनिया भर में कुल 1.3 करोड़ हिन्दू प्रवासी थे, जो कुल अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का 5 प्रतिशत हिस्सा हैं। यह आंकड़ा दुनिया की कुल आबादी में हिंदुओं की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी से काफी कम है, जिससे पता चलता है कि वैश्विक प्रवासन में हिंदुओं की भागीदारी कम है।
हिन्दू प्रवासी अपने मूल देश से ज्यादा दूर तक जाते हैं
इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि हिन्दू प्रवासी दूसरे धार्मिक समूहों की तुलना में अपने मूल देश से ज्यादा दूर तक जाते हैं। औसतन, हिन्दू प्रवासी अपने देश से लगभग 3,100 मील दूर तक जाते हैं, जबकि वैश्विक औसत 2,200 मील है। पहले ज्यादातर हिन्दू प्रवासी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ही जाते थे, लेकिन अब मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में भी इनकी संख्या बढ़ रही है।
बांग्लादेश और पाकिस्तान से हिंदू कर रहे पलायन
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत या नेपाल की तुलना में बांग्लादेश और पाकिस्तान से ज्यादा हिन्दू पलायन कर रहे हैं। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार बांग्लादेश (8 प्रतिशत ) और पाकिस्तान ( 2प्रतिशत) में हिन्दू आबादी का एक छोटा सा हिस्सा हैं, लेकिन वे उन देशों के अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का 21 प्रतिशत और 8 आठ प्रतिशत हैं। दूसरी ओर, भारत (79 प्रतिशत) और नेपाल (81 प्रतिशत) में हिन्दू बहुसंख्यक हैं, लेकिन वे उन देशों को छोड़ने वाले प्रवासियों का केवल 41 फीसदी और 56 फीसदी ही हैं।
प्रवासन दर
इस रिपोर्ट भारत में अन्य धार्मिक समूहों के प्रवासन के बारे में भी जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के लोग, बहुसंख्यक समुदाय के लोगों की तुलना में ज्यादा प्रवास करते हैं। भारत में हिन्दू बहुसंख्यक हैं, लेकिन वे अन्य धार्मिक समूहों की तुलना में कम प्रवास करते हैं। 2020 में विदेश जाने वाले भारतीयों में से 41 प्रतिशत हिन्दू थे। यह आंकड़ा भारत में हिंदुओं की आबादी के अनुपात से काफी कम है, जिससे पता चलता है कि भारत में अपनी आबादी के अनुपात में कम हिन्दू विदेश जाते हैं। इसके विपरीत, मुसलमानों और ईसाइयों में प्रवासन दर ज्यादा है।
33 प्रतिशत लोग मुस्लिम
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2020 में भारत छोड़ने वाले 33 प्रतिशत लोग मुस्लिम थे और 16 प्रतिशत ईसाई थे। ये आंकड़े भारत की कुल आबादी में इन समुदायों की हिस्सेदारी (2011 की जनगणना के अनुसार मुस्लिम 14.2 प्रतिशत और ईसाई 2.3 प्रतिशत) से कहीं ज्यादा हैं, जिससे पता चलता है कि इन समुदायों के लोग अवसरों की तलाश में भारत के बाहर जाने के लिए ज्यादा इच्छुक हैं। रिपोर्ट में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि भारत में हिन्दू बहुसंख्यकों की तुलना में मुसलमानों के प्रवास की संभावना काफ़ी ज्यादा होती है। इनमें से ज्यादातर मुस्लिम प्रवासी यूएई (18 लाख), सऊदी अरब (13 लाख) और ओमान (7.2 लाख) जैसे मुस्लिम-बहुल देशों में बस जाते हैं, जहां उन्हें रोजगार के अवसर आसानी से मिल जाते हैं।