ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मॉरीशस में भारत की सहायता वाली कई विकास परियोजनाओं का डिजिटल तरीके से उद्घाटन करने के बाद कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में पारंपरिक एवं गैर- पारंपरिक चुनौतियों से निपटने के लिए दोनों देश समुद्री क्षेत्र में स्वाभाविक साझेदार हैं। मॉरीशस के अगालेगा द्वीप में भारतीय सहायता प्राप्त परियोजनाओं को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने वर्चुअल कार्यक्रम में कहा, ‘हम आज अगालेगा द्वीप पर एक नयी हवाई पट्टी, एक नयी जेटी और कई अन्य विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ इतिहास बना रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह कार्यक्रम मॉरीशस और भारत के बीच उल्लेखनीय और अनुकरणीय साझेदारी के लिए एक शानदार पल है।’
पीएम मोदी ने कहा कि अगालेगा द्वीप पर हवाई पट्टी और जेटी का उद्घाटन सहयोग को और आगे बढ़ाएगा। उल्लेखनीय है कि हिंद महासागर क्षेत्र, मॉरीशस व भारत के लिए अगालेगा द्वीप पर नई हवाई पट्टी, एक नई जेटी का विशेष रणनीतिक व कूटनीतिक महत्व है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने वर्चुअल कार्यक्रम में इनका उद्घाटन किया। इससे चीन की चिंताएं निश्चित रूप से कई गुना बढ़ जाएंगी। इनसे क्षेत्र में रणनीतिक जल क्षेत्र में संपर्क के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा और निगरानी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
मारीशस पहला देश
परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने घोषणा की कि मॉरीशस भारत की जन औषधि योजना में शामिल होने वाला पहला देश होगा। इस योजना के तहत किफायती दरों पर गुणवत्ता वाली दवाएं प्रदान की जाती हैं। मोदी ने अपनी टिप्पणी में हिंद महासागर क्षेत्र में चुनौतियों पर चिंता जताई और कहा कि हम विशेष आर्थिक क्षेत्र की निगरानी, संयुक्त गश्त, हाइड्रोग्राफी और मानवीय सहायता और आपदा राहत जैसे सभी क्षेत्रों में एक साथ सहयोग कर रहे है। मोदी की यह टिप्पणी हिंद महासागर क्षेत्र में चीन बढ़ते सैन्य दखल को लेकर नयी दिल्ली में बढ़ती चिंताओं के बीच आई है।
‘पड़ोस प्रथम’ नीति
मोदी ने मॉरीशस को भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ नीति के तहत एक महत्वपूर्ण साझेदार बताया। उन्होंने कहा, मुझे बेहद खुशी है कि आज हम 2015 में किए गए अपने वादे को पूरा होते हुए देख रहे हैं।