ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-मालदीव के रिश्तों को आपसी हितों व संवेदनशीलता पर आधारित बताया है। उन्होंने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर के साथ द्विपक्षीय बातचीत में हिस्सा लिया। चीनपरस्त मोहम्मद मुइज्जू के मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत-मालदीव के रिश्तों में तनाव का मालदीव की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ने के चलते रिश्ते सुधारने के लिए मूसा को पहले विदेश दौरे पर भारत भेजा गया है।
मालदीव के तीन मंत्रियों की अभद्र टिप्पणियां
फरवरी में पीएम नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव के तीन मंत्रियों की अभद्र टिप्पणियों पर मूसा जमीर ने कहा, वे वादा करते हैं कि ऐसी हरकतें फिर नहीं होंगी। हमारा मानना है कि इस तरह की टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं और यह कभी नहीं होनी चाहिए थीं।
जमीर के साथ बातचीत में जयशंकर ने कहा, भारत ने हमेशा मालदीव की आगे बढ़कर मदद की है। संकट में मालदीव को मदद पहुंचाने वाला भारत पहला देश होता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि करीबी और निकटतम पड़ोसी होने के नाते हमारे संबंधों का विकास स्पष्ट रूप से आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है। जहां तक भारत का सवाल है तो ये हमारी पड़ोस प्रथम नीति और सागर में सभी के लिए सुरक्षा और विकास दृष्टिकोण में व्यक्त किया गया है। जयशंकर ने कहा, हमारी परियोजनाओं से मालदीव के लोगों का कल्याण हुआ है। भारत ने मालदीव के लोगों की जीवन की गुणवत्ता के उत्थान में अहम योगदान दिया है।
मूसा ने मुइज्जू के भारत के बजाय चीन के पहले दौरे पर दी सफाई
जमीर ने राष्ट्रपति बनने के बाद मोहम्मद मुइज्जू के भारत के बजाय चीन दौरे का भी बचाव किया। जमीर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि चीन के साथ कोई सैन्य समझौता हुआ है। राष्ट्रपति ये स्पष्ट कर चुके हैं कि मालदीव में कोई विदेशी सेना नहीं रहेगी। राष्ट्रपति ने चीन के साथ तुर्किये का दौरा भी किया था।
भारतीयों का स्वागत
मूसा जमीर ने कहा कि मालदीव में भारतीय पर्यटकों का तहेदिल से स्वागत है। हमारे पर्यटन मंत्री भी भारतीयों को आमंत्रित कर चुके हैं। जमीर ने कहा, पर्यटकों में गिरावट के पीछे दोनों देशों में चुनाव भी एक वजह हो सकती है। जल्द ही राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भी भारत का दौरा कर सकते हैं। इस पर हमारी चर्चा भी हुई है।