ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। दुनिया में कैंसर के खिलाफ चल रही लड़ाई में वैज्ञानिकों ने बड़ी सफलता हासिल की है। एक शोध का निष्कर्ष बताया गया है कि मानव के शरीर में ही कैंसर से लड़ने वाली सीएआर-टी कोशिकाओं का निर्माण किया जा सकता है।
वैज्ञानिकों की इस सफलता के बाद उम्मीद जगी है कि लोगों को कैंसर के महंगे उपचार से राहत मिल सकेगी। कैलिफोर्निया में अमेरिकन सोसाइटी ऑफ हेमेटोलॉजी की बैठक में शोधकर्ताओं ने बताया कि एक इजेक्शन की मदद से शरीर में मौजूद टी कोशिकाओं को संक्रमित किया जा सकता है। इसके बाद कोशिकाओं के जीन में परिवर्तन कर कैंसर के लिए जिम्मेदार कोशिकाओं को निशाना बनाएगा। इससे शरीर में ही कैंसर की कोशिकाओं को खत्म किया जा सकेगा।
इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंफेक्शियस डिजीज रिसर्च के निदेशक एल्स वेरहोयेन कहते हैं कि खास बात यह है कि इस दौरान कैंसर से जुड़ी कोशिकाओं के जीन में ही परिवर्तन होगा। इसका असर अन्य कोशिकाओंं पर नहीं होगा। फ्रांस के ल्योन में जीन थेरेपी के लिए उपयोग में लाए जाने वाला वायरस विकसित किया जा रहा है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह शोध सफल हो जाता है तो कैंसर रोगियों को बड़ी राहत मिल सकेगी। फिलहाल कैंसर के उपचार के लिए टी कोशिकाओं को शरीर से बाहर निकालकर जीन में परिवर्तन किया जाता है। इसके बाद उन्हें फिर शरीर में प्रवेश कराया जाता है।
बंदरों पर किया सफल परीक्षण : बैठक में दो कंपनियों ने बंदरों के शरीर में वायरस के उपयोग के परिणाम प्रस्तुत किए गए। बताया गया कि कैंसर के उपचार के दौरान 16 बंदरों को संक्रमित इंजेक्शन लगाए गए। इनमें से 15 बंदरों में कैंसर के लिए जिम्मेदार बी-सेल की गिनती 75 फीसदी तक कम हो गई।