गुलशन वर्मा
हरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कुछ प्रारंभिक बाधाओं से पार पाते हुए देश के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष उड़़ान कार्यक्रम ‘गगनयान’ से जुड़़े पेलोड़ के साथ उड़़ान भरने वाले परीक्षण यान का सफल प्रक्षेपण किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी‚, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने सफल प्रक्षेपण पर वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
वैज्ञानिकों ने मिशन निष्फल होने की स्थिति में (अबॉर्ट सिचुएशन) टीवी–डी1 परीक्षण यान से ‘क्रू मॉड्यूल’ (जिसमें अंतरिक्ष यात्री सवार होंगे) को बाहरी अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने के बाद वापस सुरक्षित लाने के लिए ‘क्रू एस्केप सिस्टम’ यानी चालकदल बचाव प्रणाली (सीईएस) का भी परीक्षण किया। तय योजना के अनुसार‚ ‘क्रू मॉड्यूल’ और ‘क्रू एस्केप सिस्टम’ के बंगाल की खाड़़ी में सुरक्षित और सटीक तरीके से गिरने पर मिशन नियंत्रण केंद्र में इसरो के वैज्ञानिकों में खुशी की लहर दौड़ गई। ‘क्रू मॉड्यूल’ वह स्थान है‚ जहां गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में दबावयुक्त पृथ्वी जैसे वातावरण के बीच रखा जाना है।
टीवी–डी1 के लिए सीएम एक बिना दबाव वाला संस्करण था। नौसेना उन्हें बंगाल की खाड़़ी से फिर से प्राप्त करेगी और इसे चेन्नई बंदरगाह लेकर आएगी। इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने मिशन नियंत्रण केंद्र से कहा‚ ‘मुझे टीवी–डी1 मिशन की सफलता की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है। मिशन का उद्देश्य एक परीक्षण यान प्रदर्शन के माध्यम से गगनयान कार्यक्रम के लिए चालक दल बचाव प्रणाली का प्रदर्शन करना था। इस दौरान वाहन ‘मैक’ और उससे भी अधिक तेजी से ऊपर गया‚ जो ध्वनि की गति जितना तेज था और फिर मिशन निष्फल होने की (अबार्ट) स्थिति में सीईएस की कार्यप्रणाली को दर्शाया गया।
इसरो ने एकल–चरण तरल प्रणोदक वाले रॉकेट के इस प्रक्षेपण के जरिए मानव को अंतरिक्ष में भेजने के अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘गगनयान’ की दिशा में आगे कदम बढ़ाया। इसरो का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है। इसरो ने कहा था कि इस परीक्षण उड़़ान की सफलता शेष परीक्षणों और मानवरहित मिशन के लिए आधार तैयार करेगी‚ जिससे पहला गगनयान कार्यक्रम शुरू होगा।
सोमनाथ ने कहा कि गैसों को भरने में थोड़़ा समय लगा और यह काम पूरा हो जाने के बाद स्वचालित लांच अनुक्रम की प्रक्रिया उचित तरीके से हुई। ‘क्रू मॉड्यूल रियलाइजेशन’ के मिशन कार्यकारी और गगनयान के मिशन निदेशक आर. हटन ने परीक्षण की सफलता की सराहना की। हटन ने कहा‚ ‘इस विशेष मिशन में सबसे महत्वपूर्ण चालक दल की सुरक्षा है। मिशन में प्रदर्शित किया गया है कि मानो कोई पक्षी अपने बच्चे को सुरक्षित स्थान पर ले जा रहा हो।’ यह मिशन मजबूत और विश्वसनीय है।
– नरेंद्र मोदी‚, प्रधानमंत्री
–अमित शाह,‚ गृहमंत्री
–एस. सोमनाथ‚ इसरो अध्यक्ष
–जितेंद्र सिंह‚, केंद्रीय मंत्री