ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। शेख हसीना का लंबा राजनीतिक कैरियर खत्म हो चुका है। सोमवार की सुबह तक किसी को नहीं लग रहा था कि बांग्लादेश में तख्तापलट हो जाएगा लेकिन शाम होते होते शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़ दिया। उनका वापसी का अब कोई प्लान नहीं है। बांग्लादेश में लगातार 15 साल तक शेख हसीना सत्ता में रहीं। बांग्लादेश में ‘आयरन लेडी’ के नाम से मशहूर शेख हसीना लोकतंत्र के चेहरे के रूप में देखी जाती रहीं लेकिन जैसा उनके राजनीतिक कैरियर का अंत हुआ, वैसा उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा। जो सेना उन्हें सैल्यूट करती थी, उसके ही चीफ ने उन्हें देश छोड़ने को कह दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आर्मी चीफ वकार-उज-जमान ने उन्हें सिर्फ 45 मिनट का समय दिया। यह 45 मिनट शेख हसीना को इसलिए दिया गया था कि वह अपना सामान चार सूटकेस में बांधें और देश छोड़कर दूर चली जाएं। शेख हसीना एक हेलीकॉप्टर के जरिए ढाका से रवाना हुई थीं। इसका वीडियो भी सामने आया है। कई रिपोर्ट्स कहती हैं कि देश छोड़ने से पहले आखिरी बार वह जनता को संबोधित करना चाहती थीं लेकिन सेना ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश की सेना में भी दो गुट थे। एक गुट शेख हसीना के पक्ष में था। वहीं दूसरा गुट, जिसमें जूनियर अधिकारी और लगभग 60 रिटायर्ड अधिकारी शामिल हैं वह उनके खिलाफ था। रविवार दोपहर एक बजे सेना ने शेख हसीना को बता दिया था कि सोमवार को जब छात्र मार्च करेंगे तो वह उन्हें नहीं रोक सकेंगे। रविवार को भीड़ इतनी उग्र हो गई कि उसने 14 पुलिस वालों को भी मार डाला। सेना को समझ आ गया था कि यह भीड़ रुकने वाली नहीं है। सेना जानती थी कि इसे रोकने का जो तरीका उनके पास है वह अपने ही लोगों के साथ युद्ध जैसा होगा। आर्मी चीफ ने रविवार देर रात घोषणा कर दी थी कि सेना फायरिंग नहीं करेगी।
बांग्लादेश छोड़कर भारत आईं शेख हसीना
तख्तापलट हर किसी के लिए हैरानी वाली बात रही है क्योंकि पहले भी छात्रों का उग्र प्रदर्शन हुआ था और शेख हसीना की सरकार उससे निपटने में कामयाब रही। सोमवार को 9 बजे तक सब ठीक था। हजारों प्रदर्शनकारी गाजीपुर बॉर्डर से ढाका में घुसने लगे और स्थिति गंभीर होती चली गई, जिसके बाद सेना ने 45 मिनट का समय दिया था। बांग्लादेश छोड़ कर वह भारत आ गई हैं।
क्या वापस जाएंगी शेख हसीना?
शेख हसीना भारत में हैं, लेकिन वह यहां हमेशा-हमेशा के लिए नहीं रहेंगी। ‘डेली सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वह तब तक रहेंगी, जब तक उन्हें ब्रिटेन की ओर से शरण नहीं मिल जाती। अभी तक ब्रिटेन की सरकार की ओर से उन्हें शरण देने से जुड़ी पुष्टि नहीं हुई है। वहीं जहां तक उनके वापसी की बात है तो इसे लेकर उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय ने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि अब उनकी मां वापस बांग्लादेश नहीं जाएंगी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘वह वापस बिल्कुल नहीं जाएंगी। वह 77 साल की हैं और यह उनका आखिरी कार्यकाल होता। वह इसके बाद रिटायर हो जातीं।’