ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। देश में हाथ से मैला ढोने की प्रथा को खत्म करने की क्षमता रखने वाले एंड-टू-एंड समाधान की पेशकश करते हुए केंद्रीय विज्ञान मंत्रालय द्वारा समर्थित आईआईटी मद्रास के टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर (टीबीआई) में स्थापित एक स्टार्टअप ने भारत का पहला सेप्टिक टैंक विकसित किया है।
सेप्टिक टैंक और मैनहोल की सफाई के लिए रोबोटिक समाधान के उपयोग से लोगों की जान बचेगी क्योंकि यह सफाई कर्मचारियों को जहरीले वातावरण के अंदर जाने के बजाय बाहर से सफाई का काम करने में मदद करता है, जिसने देश भर में कई वर्षों में कई लोगों की जान ले ली है।
आधिकारिक रिकॉर्ड बताते हैं कि 1993 से देश में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जिनमें से लगभग एक तिहाई (308) ने 2018-22 के दौरान पांच वर्षों में अपनी जान गंवाई।
होमोसेप एटम नामक रोबोटिक समाधान, चेन्नई, मदुरै और कोयंबटूर सहित 16 शहरों में नागरिक निकायों द्वारा पहले ही तैनात किया जा चुका है, जहां यह व्यापक ब्लेड सफाई, ठोस अपशिष्ट डीसिल्टिंग, सक्शन और भंडारण का उपयोग करके रोबोटिक सफाई विधियों के साथ मैन्युअल सफाई विधियों को प्रतिस्थापित करता है। इसे सोलिनास नामक डीप-टेक और क्लाइमेट टेक स्टार्टअप द्वारा विकसित किया गया है।