संजय राय, बीमा सचिव
नोएडा। एक पुरानी कहावत है कि मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा। ठीक उसी प्रकार सरकार एवं बीमा विनियामक संस्था इरडा के अनेकानेक प्रयासों के बावजूद बीमा क्षेत्र में शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही यह तथ्य भी देखने में आ रहा है कि उपभोक्ता अपने अधिकारों को लेकर जरा भी उदासीन नहीं है। किसी समस्या के सामने आते ही वह न्यायिक व प्रशासनिक तरीकों से उसके समाधान के लिए तत्पर रहता है, उसमें स्पष्ट तौर पर जागरूकता आ गई है।
दूसरी तरफ शिकायतों के समयानुसार निष्पादन के लिए इरडा ने देश भर में 17 बीमा लोकपाल कार्यालयों की स्थापना की है। क्षेत्रवार विभाजन के अनुसार सम्पूर्ण पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड बीमा लोकपाल नोएडा के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आता है जहां इस समय बीमा लोकपाल के रूप में बिम्बाधर प्रधान पदस्थापित हैं। प्रधान एक सेवा निवृत्त लोक सेवक हैं। अपने गहन ज्ञान, विश्लेषण क्षमता के साथ वह जन मानस की समस्याओं के निराकरण का खासा अनुभव रखते हैं।
लोकपाल कार्यालय को मिली अलग पहचान
बीमा लोकपाल कार्यालय को अलग पहचान दिलाई है यहां काम करने वाले कर्मियों की शिकायत निष्पादन के प्रति प्रतिबद्धता और उनके कठोर समर्पण ने। यहां काम करने वाले बीमा क्षेत्र के विशेषज्ञ राज मेहरा के शब्दों में बीमा लोकपाल कार्यालय नोएडा पूर्णतः दक्ष एवं व्यावसायिक अधिकारियों की एक समर्पित टीम है जो पिछले एक वर्ष से सचिव संजय कुमार राय के नेतृत्व में बीमा क्षेत्र की शिकायतों के निष्पादन में कीर्तिमान स्थापित कर रही है । राय ने विगत वित्त वर्ष में इस कार्यालय में आदर्श वातावरण निर्मित किया है जिससे प्रत्येक स्तर पर शिकायतकर्ताओं को सही और उचित मार्ग दर्शन एवं जानकारी प्रदान कर एक निश्चित समय सीमा के अंतर्गत समाधान किया जा रहा है।
कुल 3328 शिकायतों का निष्पादन किया
चर्चा के दौरान राय ने बताया कि बीमा लोकपाल कार्यालय नोएडा ने विगत वित्तीय वर्ष में कुल 3328 शिकायतों का निष्पादन किया है और इस कार्यालय के इतिहास में यह प्रथम अवसर है कि वर्षांत पर अवशेष पंजीकृत शिकायतों की संख्या को शून्य स्तर पर लाने में सफलता प्राप्त हुई है। विगत वर्षों में इस कार्यालय द्वारा निष्पादित शिकायतों की संख्या क्रमशः 3153, 2052 एवं 1506 रही है। प्रत्येक वर्ष में अच्छी संख्या में शिकायतें लंबित रही हैं इस वर्ष निष्पादित की गयी शिकायतों में से शत प्रतिशत शिकायतें निर्धारित समय सीमा अर्थात 90 दिनों के अन्दर निर्णीत की गईं।
99 प्रतिशत से भी अधिक शिकायतें मात्र 60 दिन में सोल्व
99 प्रतिशत से भी अधिक शिकायतें मात्र 60 दिन की समय सीमा के भीतर हल की गईं जो अपने आप में शिकायत निवारण प्रक्रिया का एक अद्वतीय उदाहरण है। अपनी इस उपलब्धि के बारे में विस्तार से बताते हुए राय ने स्पष्ट किया कि बीमा क्षेत्र के विनियमों एवं प्रक्रियाओं के विशद् ज्ञान , विवाद के बिन्दुओं पर एक निष्पक्ष विश्लेषणात्मक समीक्षा एवं प्रत्येक स्तर पर सभी हिताधिकारियों के साथ समुचित संवाद करके ही शिकायतों का ऐसा सर्वमान्य हल निकला जा सकता है जो सभी पक्षों को न सिर्फ मान्य हो बल्कि जिससे सभी सम्बंधित पक्षों में विश्वास की भावना बढे़। तभी भारत में बीमा व्यवसाय को जन जन तक पहुंचाया जा सकेगा।
अधिनियम 2017 के प्रावधानों के अनुरूप काम
बीमा शिकायतों का निस्तारण किस प्रकार कम से कम समय में हो सके, इस पर बोलते हुए राय ने बताया कि बीमा लोकपाल कार्यालय बीमा लोकपाल अधिनियम 2017 के प्रावधानों के अनुरूप काम करता है जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई बीमित व्यक्ति बीमा बेचने की प्रकिया से असंतुष्ट है अथवा यदि वह बीमा कंपनी की सेवाओं, दावा निष्पादन में विलम्ब अथवा दावा राशि के पूर्णतया अथवा आंशिक रूप से नकारे जाने से संतुष्ट नहीं हैं, तो वह निम्न प्रकिया का पालन कर सकता है
बीमाकर्ता के किसी भी कार्यालय में जाएं और अपनी शिकायत आवश्यक सहायक दस्तावेजों के साथ लिखित रूप में दें एवं तारीख के साथ अपनी शिकायत की लिखित पावती प्राप्त कर लें। बीमा कंपनी किसी भी स्थिति में शिकायत प्राप्त होने के दो सप्ताह से पहले आपकी शिकायत का समाधान करने हेतु बाध्य है।
संतुष्टि के लिए विकल्प
यदि प्राप्त समाधान आपकी संतुष्टि के अनुरूप नहीं है तो आप बीमा कंपनी के शिकायत निवारण अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं जिनका पता आपको इरडा की आधिकारिक वेब साइट पर मिल जायेगा। यदि जीआरओ द्वारा इसका समाधान एक माह के भीतर नहीं होता है या यदि आप उनके समाधान से संतुष्ट नहीं हैं तो आप अपने क्षेत्राधिकार प्राप्त बीमा लोकपाल कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।