ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि पहली वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में मैंने कुछ प्रतिबद्धताओं की बात की थी। मुझे खुशी है कि हमने उनमें से प्रत्येक पर प्रगति की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के दूसरे सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। उन्होंने कहा , मुझे खुशी है कि पूरे दिन चली समिट में लैटिन अमेरिका और कैरेबियन देशों से लेकर अफ्रीका, एशिया और पैसेफिक आईलैंड से 130 देशों ने भाग लिया।
एक साल के भीतर ग्लोबल साउथ की दो समिट होना और उसमें बड़ी संख्या में आप सभी का जुड़ना, दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा मैसेज है। ये संदेश है कि ग्लोबल साउथ अपनी स्वायत्तता चाहता है। ये संदेश है कि ग्लोबल साउथ वैश्विक मामलों में बड़ी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने कहा कि इस समिट ने हमें एक बार फिर अपनी साझा अपेक्षाओं और आकांक्षाओं पर चर्चा करने का अवसर दिया है। भारत को गर्व है कि हमें जी20 जैसे महत्वपूर्ण मंच पर ग्लोबल साउथ की आवाज को एजेंडे पर रखने का अवसर मिला।
– 130 देशों ने भाग लिया ग्लोबल साउथ समिट के दूसरे सत्र में
ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की लांचिंग
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुबह ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को लॉन्च किया गया। ये केंद्र विकासशील देशों के विकासात्मक मुद्दों से संबंधित अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करेगा। इस पहल के माध्यम से ग्लोबल साउथ में समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजा जाएगा।
ग्लोबल साउथ छात्रवृत्ति कार्यक्रम शुरू
पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ छात्रवृत्ति कार्यक्रम शुरू हो गया है। अब ग्लोबल साउथ देशों के छात्रों को भारत में उच्च शिक्षा के अधिक अवसर मिलेंगे। इस वर्ष तंजानिया में भारत का पहला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिसर खोला गया है। ग्लोबल साउथ में क्षमता निर्माण के लिए यह हमारी नई पहल है।
‘ सबका विश्वास के साथ सभी का विकास ’
इस अवसर पर विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि पहला समिट जनवरी 2023 में आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में दूसरे समिट को आयोजित करने का फैसला लिया गया था। हमारे पास एक नेता स्तरीय और आठ मंत्रिस्तरीय सत्र थे।
दूसरे समिट की थीम रही ‘सबका विश्वास के साथ सभी का विकास’। क्वात्रा ने कहा कि यह थीम भारत के वसुधैव कुटुम्बकम ् के दर्शन को प्रतिध्वनित करती है। यह ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के विजन का विस्तार है।
चार प्रमुख फैसलों के क्रियान्वयन के बारे में विदेश सचिव ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारी क्षमताओं का ग्लोबल साउथ के देशों के बीच आदान-प्रदान किया जा सके, इसके लिए चार प्रमुख फैसलों के क्रियान्वयन के बारे में बात की- आरोग्य मैत्री पहल, ग्लोबल साउथ साइंस एंड टेक, ग्लोबल साउथ स्कॉलरशिप प्रोग्राम और ग्लोबल साउथ यंग डिप्लोमेट फोरम के जरिए ग्लोबल साउथ के साथ सहयोग।