ब्लिट्ज ब्यूरो
लद्दाख। सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में सेना की ऑपरेशनल पोस्ट पर पहली बार महिला मेडिकल ऑफिसर की तैनाती की गई है। कैप्टन फातिमा वसीम को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनकी पोस्टिंग 15 हजार, 200 फीट की ऊंचाई पर होगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सेना के फायर एंड फ्यूरी कोर ने जानकारी दी। फायर एंड फ्यूरी कोर ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें सियाचिन बैटल स्कूल में फातिमा ट्रेनिंग लेती दिखीं।
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स को आधिकारिक तौर पर 14वां कॉर्प्स कहा जाता है। इसका हेडक्वार्टर लेह में है।
इनकी तैनाती चीन-पाकिस्तान की सीमाओं पर होती है। साथ ही ये सियाचिन ग्लेशियर की रक्षा करते हैं। इससे पहले 5 दिसंबर 2023 को सेना ने बताया कि स्नो लेपर्ड ब्रिगेड की कैप्टन गीतिका कौल पहली महिला मेडिकल ऑफिसर बनीं थीं। उन्हें सियाचिन बैटलफील्ड पर तैनात किया गया था, जिसकी ऊंचाई 15,600 फीट है। कैप्टन गीतिका ने अपनी तैनाती को लेकर सेना का आभार जताया था। उन्होंने कहा कि वे देश के लिए अपना हर कर्तव्य निभाएंगी। जान दांव पर लगा कर देश की हिफाजत करेंगी।
1984 से सियाचिन ग्लेशियर में हैं सैनिक
सियाचिन ग्लेशियर भारत-पाक बॉर्डर के पास करीब 78 किमी में फैला है। इसके एक तरफ पाकिस्तान, दूसरी तरफ अक्साई चीन है। 1972 के शिमला समझौते में सियाचिन को बेजान और बंजर बताया गया था। 1984 में भारतीय सेना को जानकारी मिली कि पाकिस्तानी सेना इस इलाके पर कब्जे की कोशिश कर रही है, जिसके बाद 13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना ने फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की स्पेशल टुकड़ी को तैनात कर दिया था।
आर्टिलरी रेजिमेंट में पहली बार महिलाएं शामिल
इंडियन आर्मी के इतिहास में पहली बार आर्टिलरी रेजिमेंट में महिला अधिकारियों को शामिल किया गया है। ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी, चेन्नई में पासिंग आउट परेड के बाद 5 महिला अधिकारी आर्टिलरी रेजिमेंट में कमीशन हो गईं। इनमें से 2 को पाकिस्तान की सीमा पर लगी यूनिट में पोस्टिंग दी गई है। वहीं 3 अधिकारी चीन बॉर्डर पर तैनात यूनिट में काम करेंगी।