ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। एक्ट्रेस श्रिया सरन साउथ सिनेमा और बॉलीवुड, दोनों जगह बराबर एक्टिव रहती हैं। अपनी पिछली हिट फिल्म ‘दृश्यम 2’ के बाद अब वे अपनी वेब सीरीज ‘शो टाइम’ को लेकर चर्चा में हैं। श्रिया ने खास बातचीत में फिल्म सेट पर महिलाओं के बढ़ते दखल के बारे में भी चर्चा की। साथ ही यह भी बताया कि कुछ साल पहले तक सेट पर कई विभागों में महिलाओं के न होने की वजह से कितनी दिक्क तों का सामना करना पड़ता था। बकौल श्रिया, ‘जब मैंने कॅरियर शुरू किया था, तब कई विभागों में महिलाएं होती ही नहीं थीं। ले-देकर एक हेयरड्रेसर होती थी। आपका कॉस्ट्यूम बनाने वाला, नाप लेने वाला भी मर्द होता था जो कई बार काफी अटपटा लगता था। खासकर अगर आप उसमें सहज नहीं हैं और आपका डायरेक्टर ये बात नहीं समझे तो बहुत मुश्किल होती थी। वहां कोई और ऐसा नहीं होता था जिससे आप अपनी बात शेयर कर पाएं।
वक्त के साथ चीजें बदली हैं और बदल रही हैं
वह आगे कहती हैं, ‘मेरा मानना है कि सच में बदलाव तभी आएगा जब कैमरे के आगे से ज्यादा महिलाएं कैमरे के पीछे होंगी। यही नहीं, उनका फैसले लेने की पावर में आना सबसे अहम है। आप एक औरत के बारे में बायॉपिक बना सकते हैं, जो बड़ी हिट हो सकती है, लेकिन यह फिल्म बननी चाहिए या नहीं, इस पर फैसले लेने वाले सिर्फ मर्द होंगे, औरतें नहीं।
श्रिया की सीरीज शो टाइम बॉलीवुड के अंदर के सच दिखाने के साथ-साथ ‘नेपोटिजम’ जैसे मुद्दे को भी उठाती है। इस पर श्रिया कहती है, ‘नेपोटिज्म’ ओवरयूज्ड शब्द है। मैं इंडस्ट्री में इतने साल में हूं और मुझे बहुत प्यार मिला है। देखिए, आप जिस परिवार में जन्म लेते हैं, आपको उसका फायदा मिलता ही है। जैसे मेरे पैरंट्स सुपर इंटेलिजेंट है, मेरी मां बेहद खूबसूरत है, क्या मुझे उसका फायदा मिलता है? हां मिलता है।