ब्लिट्ज ब्यूरो
अजमेर। हाल ही में दिल्ली एयरपोर्ट पर सीपीआर देकर बुजुर्ग की जान बचा सुर्खियों में आई ंडॉक्टर प्रिया का कहना है कि कोई ईश्वर की जगह नहीं ले सकता , हम सभी उसी की इच्छानुसार काम करते हैं। डॉक्टर प्रिया की राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने भी सराहना की।
इस घटना को याद करते हुए प्रिया कहती हैं कि हम उस दिन अमरनाथ यात्रा से लौट थे और हमारी फ्लाइट लेट हो गई थी। उस वक्त मैं और मेरे पति डॉ रमाकांत गोयल फूड कोर्ट के इलाके में थे। उस दौरान नजदीकी स्टॉल पर एक बुजुर्ग अचानक से गिर पड़े। जब हम वहां पहुंचे तो एक डॉक्टर दंपती भी वहां मौजूद था।
बुजुर्ग की धड़कन रुक गई थी
जब हम चारों ने बुजुर्ग की जांच की तो वह अचेत थे। उनकी धड़कन रुक गई थी और नाड़ी भी नहीं चल रही थी। हमने तुरंत कार्डियोपल्मोनरी रिसेसिटेशन (सीपीआर) दी और पांच मिनट के अंदर उन्हें होश आने लगा। उनकी धड़कनें और नाड़ी चलने लगी। हमने सीपीआर जारी रखी। डॉ प्रिया ने बताया कि कुछ देर में उनकी हालत स्थिर हो गई और उनकी नाड़ी की गति भी ठीक हो गई। हमने एयरपोर्ट स्टाफ को भी बुलाया। बाद में हमने मरीज की नाड़ी और सैचुरेशन चेक किया तो वह ठीक थे।
दरअसल, 14 जुलाई को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 पर 60 साल के बुजुर्ग को फूड कोर्ट में दिल का दौरा पड़ा था।
डॉक्टर की समझदारी जागरूक करने वाली
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जयपुर निवासी और अजमेर रेलवे अस्पताल में सीनियर डीएमओ डॉ प्रिया ने अपनी सूझबूझ से दिल्ली एयरपोर्ट पर सीपीआर देकर एक बुजुर्ग की जान बचाई। उनकी समझदारी और साहसी कार्य हम सभी को जागरूक करने वाला है।
क्या है सीपीसीआर
डॉ प्रिया ने बताया कि सीपीआर एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब दिल की धड़कन रुक जाती है और शरीर के किसी हिस्से में या मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह रुक जाता है, तो अपरिवर्तनीय क्षति शुरू हो जाती है।
उन्होंने कहा कि दिल का दौरा पड़ने वाले व्यक्ति को कुछ ही मिनटों के भीतर सीपीआर देने से मरीज के बचने की संभावना बढ़ जाती है।