ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। यूपीएससी को देश की सबसे मुश्किल परीक्षा में से एक माना जाता है। इस कठिन परीक्षा को पास करने के लिए दृढ़ निश्चय और मेहनत की जरूरत होती है। आज हम आपको काजू की खेती करने वाले किसान की ऐसी बेटी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपनी मेहनत के बल पर यूपीएससी परीक्षा को पास कर सफलता हासिल की। किसी अभाव को उन्होंने अपने मार्ग में बाधा नहीं बनने दिया।
आज हम आपको प्रतिभाशाली आईएएस ईश्वर्या रामनाथन के बारे में बताएंगे, जिन्होंने 24 साल की उम्र में ही दो बार भारत की सबसे कठिन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की है।
तमिलनाडु के तटीय जिले कुड्डालोर की रहने वाली ईश्वर्या ने बचपन से ही बाढ़, चक्रवात और भारी बारिश जैसी कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है। खास तौर पर 2004 की सुनामी ने उन पर गहरा असर डाला था। ढेरों अभाव व मुश्किलें चारों ओर मंडरा रही थीं। उस मुश्किल समय में कलेक्टर गगनदीप सिंह बेदी की भूमिका से प्रेरित होकर उन्होंने बड़ी सफलता का प्रण किया और सफलता हासिल की। घर की जर्जर आर्थिक स्थिति ने भी उन्हें बड़ा बनने के लिए प्रेरित किया।
उनके पिता आर रामनाथन काजू की खेती करते हैं। इसके अलावा आय का कोई और स्रोत नहीं। वहीं उनकी मां ने भी ईश्वर्या को कलेक्टर बनने के लिए प्रोत्साहित किया। इस यात्रा की शुरुआत करते हुए, ईश्वर्या ने 2017 में चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। फिर उन्होंने कोचिंग लेकर अपने कॉलेज के दिनों में ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। अपने पहले प्रयास में, उनकी ऑल इंडिया रैंक 630 थी और वह रेलवे अकाउंट्स सर्विस में आ गईं ं। हालांकि, उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का था। इसलिए साल 2019 में उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया 47वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास की, जिससे आईएएस अधिकारी बनने का उनका सपना पूरा हुआ।
रिजल्ट के बाद एक इंटरव्यू में, ईश्वर्या ने कहा कि आईएएस अधिकारी बनना उनका बचपन का सपना था, जिसे उनकी मां ने पूरा करने में उनकी मदद की।