ब्लिट्ज ब्यूरो
कोलकाता। ट्रेनी डॉक्टर से रेप व हत्या की घटना से कोलकाता के साथ पूरा देश इस समय आक्रोश की आग में झुलस रहा है। बंगाल पुलिस व अस्पताल के सुरक्षा प्रबंधों को धता बताते हुए संजय राय नाम के आरोपित ने ट्रेनी डाक्टर के साथ ऐसी दरिंदगी की कि समूची मानवता कराह उठी है। कोलकाता में कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार खराब हो रही है। देशभर में एक सप्ताह से रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के अंदर घुस कर इमरजेंसी वार्ड में तोड़फोड़ की। इसके बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने फिर हड़ताल शुरू कर दी। इसकी जानकारी फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया(फोर्डा) ने दी।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में तोड़फोड़ के बाद हड़ताल का फैसला लिया गया। केंद्र और राज्य सरकार स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा करने में असफल रही है। 13 अगस्त को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मिलने के बाद फोर्डा ने हड़ताल बंद कर दी थी। तब नड्डा ने उन्हें न्याय मिलने का आश्वासन दिया था।
14 अगस्त की देर रात मेडिकल कॉलेज में 1000 लोगों की भीड़ इमरजेंसी वार्ड में घुस गई। भीड़ ने वहां रखी मशीनें उठाकर फेंकी। फर्नीचर में तोड़फोड़ की। सीसीटीवी कैमरों को भी नुकसान पहुंचाया। भीड़ ने पुलिस के वाहनों में तोड़-फोड़ की, पुलिस पर पत्थर फेंके। इस दौरान 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए। मामले में 9 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया, सेमिनार रूम में क्राइम सीन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। भाजपा व टीएमसी, दोनों प्रदर्शनकारियों के बीच दंगाइयों को भेजने के आरोप लगा रही हैं।
– 1000 की भीड़ ने कोलकाता अस्पताल में हमला किया
– सीबीआई ने कॉलेज के 5 डॉक्टरों व कुछ कर्मचारियों को बुलाया
इमरजेंसी वार्ड में हिंसक भीड़ ने रैक को फेंक दिया। वहां रखी दवाइयों को भी तोड़ दिया। फ्रिज में रखी दवाइयां भी बाहर फेंक दी गईं। उसके बाद फ्रिज को पलटा दिया। इमरजेंसी वार्ड में लगे सीसीटीवी कैमरे को भी तोड़ दिया गया। उपद्रवियों ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के बीच घुसकर हिंसा शुरू कर दी। इसी भीड़ ने कॉलेज के बाहर वाहनों में भी तोड़फोड़ की। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अस्पताल का दौरा किया और आंदोलन कर रहे डॉक्टर से मुलाकात की। सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा कि कुछ दल राज्य में हिंसा फैलाना चाहते हैं।
ट्रेनी डॉक्टर से गैंगरेप की आशंका
ऑल इंडिया गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के एडिशनल सेक्रेटरी डॉ. सुवर्ण गोस्वामी ने 14 अगस्त को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से कहा कि ये रेप नहीं, गैंगरेप हो सकता है।
डॉक्टर्स बोले- सबूतों से छेड़छाड़ हो रही
मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रशासन सबूतों से छेड़छाड़ कर रहा है। उन्होंने वीडियो शेयर कर कहा- सेमिनार हॉल से 20 मीटर की दूरी पर चेस्ट डिपार्टमेंट के ऑफिस में तोड़फोड़ हो रही है। पुलिस के सामने रेनोवेशन के नाम पर सबूतों से छेड़छाड़ हो रही है।
अस्पताल प्रशासन का झूठ
अस्पताल प्रशासन ने ट्रेनी डॉक्टर के परिजन से कहा था- बेटी ने सुसाइड किया। मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। 9 अगस्त की सुबह ट्रेनी डॉक्टर का शव मिलने के बाद प्रशासन ने पीड़ित परिवार से झूठ बोला था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हॉस्पिटल के असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट ने सबसे पहले ट्रेनी डॉक्टर के परिवार से बात की थी। उन्होंने कहा था- आपकी बेटी ने सुसाइड किया है। इसके बाद ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता तुरंत अस्पताल पहुंचे, लेकिन प्रशासन ने 3 घंटे तक उन्हें इंतजार कराया। परिवार के बहुत जिद करने के बाद प्रशासन ने उन्हें ट्रेनी डॉक्टर की बॉडी देखने दी। सीबीआई ने अस्पताल के पांच डाक्टरों व कुछ कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है। मेडिकल जांच के लिए सीबीआई टीम आरोपी संजय रॉय को कमांड अस्पताल लाई है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बर्बरता का खुलासा
पुलिस ने ट्रेनी डॉक्टर के परिवार को 12 अगस्त को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सौंपी, जिसमें बताया गया कि रेप और मारपीट के बाद आरोपी ने डॉक्टर की गला और मुंह दबाकर हत्या कर दी। घटना शुक्रवार सुबह 3 से 5 बजे के बीच होने का अनुमान है।
बर्बरता की इंतहा
चार पेज की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी ने डॉक्टर का बुरी तरह शोषण किया था। उनके प्राइवेट पार्ट्स पर गहरा घाव पाया गया। आरोपी ने डॉक्टर की चीख दबाने के लिए उनकी नाक, मुंह और गले को लगातार दबाया। गला घोंटने से थायराइड कार्टिलेज टूट गया। डॉक्टर के सिर को दीवार से सटा दिया गया था, जिससे वह चिल्ला न सके। पेट, होंठ, उंगलियों और बाएं पैर पर चोटें पाई गईं। फिर उन पर इतनी जोर से हमला किया कि चश्मा टूट गया और शीशे के टुकड़े उनकी आंखों में घुस गए। दोनों आंखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट्स से खून बह रहा था।