ब्लिट्ज ब्यूरो
गुरुग्राम। द्वारका एक्सप्रेसवे का हरियाणा वाला हिस्सा यातायात के लिए पूरी खुलने में अगस्त के अंत तक का समय लग सकता है। मानसून की शुरुआत के साथ ही बारिश के चलते निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है। इसके चलते कुछ दिनों का विलंब हो सकता है। इससे पहले केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक्सप्रेस वे के हरियाणा वाले हिस्से के जुलाई महीने में पूरी तरह शुरू कर देने की बात कही थी।
हालांकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी तय समय सीमा में काम पूरा करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। पिछले सप्ताह से शुरू हुुई बारिश के चलते शहर में चल रहे निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं। इनमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट द्वारका एक्सप्रेस वे है। नौ हजार करोड़ रुपये की लागत से 29.6 किलोमीटर लंबाई का देश का पहला एलिवेटेड 8-लेन एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे पूरी तरह अप्रैल 2024 में पूरा हो जाएगा। हरियाणा वाले हिस्से में 18.9 किलोमीटर सिंगल पिलर का निर्माण हो रहा है। दिल्ली में 10.1 किलोमीटर लंबे सिंगल पिलर पर 34 मीटर चौड़ा एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है।
अन्य सेक्टरों को भी जोड़ेगा
हरियाणा में यह एक्सप्रेसवे पटौदी रोड (एसएच-26) में हरसरू के पास और फर्रुखनगर (एसएच-15 ए) में बसई के पास मिलेगा। इसके अलावा यह दिल्ली-रेवाड़ी रेललाइन को गुरुग्राम के सेक्टर-88 (बी) के पास और भरथल में भी क्राॅस करेगा। एक्सप्रेस-वे गुरुग्राम जिले में प्रस्तावित ग्लोबल सिटी के साथ-साथ सेक्टर – 88, 83, 84, 99, 113 को द्वारका सेक्टर-21 से जोड़ेगा।
एक्सप्रेसवे का सड़क नेटवर्क चार स्तरों का है। टनल, अंडरपास, ग्रेड रोड, एलिवेटेड रोड और फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। एक्सप्रेसवे के दोनों ओर थ्री लेन सर्विस रोड का निर्माण किया जा रहा है।
द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण चार खंडों में प्रगति पर है। इनमें दिल्ली क्षेत्र में पहला महिपालपुर के शिव मूर्ति से बिजवासन तक (5.9 किमी), दूसरा बिजवासन आरओबी से गुरुग्राम में दिल्ली-हरियाणा सीमा तक (4.2 किमी), हरियाणा क्षेत्र में तीसरा दिल्ली-हरियाणा सीमा से बसई आरओबी तक (10.2 किमी) तथा चौथा बसई आरओबी से खेड़की दौला (क्लोवरलीफ इंटरचेंज) तक (8.7 किमी) है।