ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीपफेक टेक्नोलॉजी को डिजिटल युग का बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि एक फेक वीडियो में मुझे गरबा गीत गाते दिखाया गया है, ऐसे कई वीडियो ऑनलाइन पड़े हुए हैं। पीएम भाजपा मुख्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, यह समझना बहुत जरूरी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कैसे काम करता है क्योंकि इसका उपयोग जान-बूझकर गलत जानकारी फैलाने या दुर्भावनापूर्ण इरादे के लिए किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने मीडिया से अपील की कि वह लोगों को एआई के निगेटिव इफेक्ट्स बताए, ताकि गलत और नुकसान पहुंचाने वाला कंटेंट फैलने से रुके।
क्या है डीपफेक : आज के डिजिटल दौर में कई बार गलत खबरें और भ्रामक जानकारियां इंटरनेट की मदद से लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं। ऐसे ही वीडियो भी पहुंचाए जाते हैं। इसे डीपफेक कहते हैं। इसमें असली और नकली की पहचान बेहद मुश्किल होती है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक और मशीन लर्निंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। इनका उपयोग करके मीडिया फाइल जैसे फोटो, ऑडियो और वीडियो की परिवर्तित कॉपी तैयार की जाती है, जो वास्तविक फाइल की तरह ही दिखती है। सरल भाषा में कहें तो डीपफेक, मॉर्फ वीडियो का ही एडवांस रूप है। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि डीपफेक बनाने और फैलाने पर एक लाख का जुर्माना और तीन साल की जेल हो सकती है।
हाल ही में एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना और काजोल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। पहले रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो आया, जिसमें एआई टेक्नोलॉजी से एक इन्फ्लूएंसर के चेहरे में बड़ी सफाई से रश्मिका का चेहरा मॉर्फ किया गया था। फिर काजोल का वीडियो आया, जिसमें वे ड्रेस चेंज करते हुए दिखीं।