ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। आम जनता को मोदी सरकार के एक अहम फैसले से पीएनजी व सीएनजी के मामले में बड़ी राहत मिली है। दोनों प्रकार की इन गैसों के दाम सात से नौ प्रतिशत तक घट गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में सीएनजी-पीएनजी के दाम समेत कई मुद्दों पर अहम फैसले लिए गए। सरकार ने कीमतों के नियंत्रण के लिए प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने के नए तरीके को मंजूरी दी है।
अब साल में दो बार नहीं, बल्कि हर महीने सीएनजी व पीएनजी मूल्य निर्धारण के मानक व कीमतें तय की जाएंगी। सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। नई दरें आठ से 30 अप्रैल तक निर्धारित कर दी गई हैं। सरकार के इस फैसले के बाद महानगर गैस लि. ने अपने वितरण क्षेत्रों में सीएनजी के दाम आठ रुपये प्रति किलो घटा दिए हैं। पीएनजी की कीमत में भी पांच रुपये प्रति एससीएम की कटौती की है। अडाणी टोटल गैस ने भी शुक्रवार आधी रात से सीएनजी के दाम 8.13 रुपये और पीएनजी के दाम 5.06 प्रति यूनिट तक घटा दिए।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट की बैठक के बाद बताया कि एपीएम गैस के रूप में मान्यता प्राप्त पारंपरिक क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस को अब गैस की कीमतों के बजाय कच्चे तेल की कीमत से जोड़ा जाएगा। अनुराग ठाकुर ने बताया कि सीएनजी और पाइप से आपूर्ति की जाने वाली पीएनजी गैस की कीमतों पर अधिकतम सीमा तय करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए एपीएम गैस पर 4 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू के आधार मूल्य को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही प्रति एमएमबीटीयू 6.5 डॉलर अधिकतम मूल्य रखने का भी फैसला लिया गया है।अनुराग ठाकुर ने बताया कि घरेलू गैस के दाम अब भारतीय क्रूड बास्केट के वैश्विक दाम के मासिक औसत का 10 फीसदी होंगे। इस कीमत को हर महीने नोटिफाई किया जाएगा। इस फॉर्मूले से पीएनजी की कीमतों में 10 प्रतिशत वहीं सीएनजी की कीमतों में 7-9 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान लगाया गया था। आम घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर किसानों और गाड़ी चलाने वाले लोगों के लिए यह बड़े फायदे की बात है।
पहले ऐसे तय होती थीं कीमतें
अब तक सरकार साल में दो बार सीएनजी-पीएनजी के दाम तय करती थी। ये कीमतें एक अप्रैल और एक अक्टूबर को घोषित की जाती थीं। इन कीमतों के निर्धारण के लिए कनाडा, अमेरिका और रूस जैसे देशों में एक साल में एक चौथाई के अंतराल के साथ प्रचलित दरों को बेस बनाया जाता था। अब नई नीति में ये कीमतें मासिक तौर पर घोषित की जाएंगी। आपको बता दें कि भारत 2030 तक प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को मौजूदा 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य बना रहा है।
फैसले का स्वागत
तेल मंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट करके इस फैसले का स्वागत किया। इस कदम से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी। वर्तमान में, घरेलू गैस की कीमतें हर छह महीने में चार गैस ट्रेडिंग हब- हेनरी हब, अल्बेना, नेशनल बैलेंसिंग पॉइंट (ब्रिटेन) और रूस में कीमतों के आधार पर तय की जाती हैं। चार गैस हब पर आधारित मूल्य निर्धारण पद्धति में समय अंतराल अधिक था और बहुत अधिक अस्थिरता थी, इसलिए सुधार की आवश्यकता महसूस की गई।