ब्लिट्ज ब्यूरो
वाशिंगटन। आकाशगंगा में एक नया ‘स्लीपिंग जाइंट’ ब्लैक होल खोजा गया है। यह आकाशगंगा (गैलेक्सी) में खोजा गया अपनी तरह का सबसे बड़ा ब्लैक होल है। वैज्ञानिकों ने धरती से 2,000 प्रकाश वर्ष से कम दूरी पर स्थित एक्विला तारामंडल में इस विशाल ब्लैक होल का पता लगाया है। यह हमारे सूर्य के द्रव्यमान से करीब 33 गुना ज्यादा बड़ा है। पहली बार तारकीय उत्पत्ति का इतना बड़ा ब्लैक होल आकाशगंगा में खोजा गया है। अंतरिक्ष में एक असामान्य डगमगाहट का पता लगाने के बाद खगोलविदों ने मिल्की वे आकाशगंगा में ये ब्लैक होल देखा। इस प्रकार के ब्लैक होल केवल बहुत दूर की आकाशगंगाओं में ही खोजे गए हैं। ऐसे में ये खोज विशाल तारों के बनने के बारे में भी नई समझ पैदा करती है।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपियन स्पेस एजेंसी की ओर से कहा गया है कि वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए अधिकांश तारकीय-द्रव्यमान वाले ब्लैक होल पास के तारे से पदार्थ खींच रहे हैं। यह पदार्थ इतनी तेज गति से ब्लैक होल में गिरता है कि गर्म होकर एक्सरे विकिरण छोड़ता है। इस ब्लैक हॉल को गेआ बीएच3 नाम दिया गया है। तारामंडल में 1,926 प्रकाश वर्ष दूर स्थित होने की वजह से ये पृथ्वी का दूसरा सबसे निकटतम ज्ञात ब्लैक होल बन गया है। धरती के सबसे करीब का ब्लैक होल गेआ बीएच1 है, जो 1,500 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है और इसका द्रव्यमान सूर्य से 10 गुना अधिक है।