ब्लिट्ज ब्यूरो
पटना। बिहार सरकार ने जातीय जनगणना रिपोर्ट जारी कर दी है। वहीं रिपोर्ट की मंशा व आंकड़ों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परोक्ष प्रहार करते हुए कहा कि देश और समाज के खिलाफ साजिश रची जा रही है। पीएम मोदी ने एक रैली में कहा है कि कांग्रेस के बड़े नेता मुंह बंद करके बैठे हैं। कांग्रेस को पर्दे के पीछे से वो लोग चला रहे हैं, जिनकी देश विरोधी ताकतों से साठगांठ है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने बिना नाम लिए जातिगत जनगणना पर कहा, कांग्रेस के नेता कहते हैं कि जितनी आबादी उतना हक है। मैं कहता हूं इस देश में अगर कोई सबसे बड़ी आबादी है, तो वह आबादी गरीब है। इसलिए मेरे लिए गरीब ही सबसे बड़ी आबादी है और गरीब का कल्याण हो, यही मेरा मकसद है। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर देश के हिंदुओं को बांटकर, भारत को तबाह करने की कोशिश का आरोप लगाया। बिहार सरकार की जातीय जनगणना रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी के तहत आने वाले लोगों की आबादी 63 प्रतिशत है जबकि सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 फीसदी है। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने रिपोर्ट जारी की। राज्य में सबसे ज्यादा पिछड़ा वर्ग की आबादी है। राज्य की कुल 63 फीसदी आबादी इस वर्ग से आती है। इनमें 27 फीसदी आबादी पिछड़ा वर्ग की है जबकि 36 फीसदी से ज्यादा अति पिछड़ी जातियों की आबादी है।
बिहार में सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 प्रतिशत व अनुसूचित जाति की आबादी करीब 20 फीसदी है। बिहार सरकार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर आंकड़ों की पुस्तिका जारी की। बिहार सरकार की ओर से कुल 214 जातियों के आंकड़े जारी किए गए हैं। इनमें कुछ ऐसी जातियां भी हैं जिनकी कुल आबादी सौ से भी कम है। 214 जातियों को अलावा 215वें नंबर पर अन्य जातियों का भी जिक्र रिपोर्ट में किया गया है। राज्य की आबादी 13,07,25,310 है। वहीं कुल सर्वेक्षित परिवारों की संख्या 2,83,44,107 है। राज्य में प्रति 1000 पुरुषों में 953 महिलाएं हैं।
बिहार में 81.99 प्रतिशत हिन्दू
बिहार में 81.99 प्रतिशत हिंदू हैं। इस्लाम धर्म काे मानने वाले 17.7 फीसदी हैं। शेष ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन या अन्य धर्म मानने वालों की संख्या एक प्रतिशत से भी कम है। राज्य के 2146 लोगों ने अपना कोई धर्म नहीं बताया। जब भाजपा के साथ नीतीश की पार्टी सरकार में थी, तभी बिहार विधानसभा और विधान परिषद ने राज्य में जाति आधारित गणना कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया था। 1 जून 2022 को सर्वदलीय बैठक में जातीय जनगणना को सर्वसम्मति से करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
किस जाति की कितनी आबादी
यादव – 14.26 प्रतिशत
रविदास- 5.25 प्रतिशत
दुसाध -5.31 प्रतिशत
कोइरी -4.21 प्रतिशत
ब्राह्मण-3.67 प्रतिशत
राजपूत- 3.45 प्रतिशत
मुसहर – 3.08 प्रतिशत
भूमिहार-2.89 प्रतिशत
कुरमी – 2.87 प्रतिशत
तेली- 2.81 प्रतिशत
बनिया-2.31 प्रतिशत
कानू-2.21 प्रतिशत
चंद्रवंशी-1.64 प्रतिशत
कुम्हार -1.40 प्रतिशत
सोनार -0.68 प्रतिशत
कायस्थ-0.60 प्रतिशत