गुलशन वर्मा
नई दिल्ली। भारत की जूनियर महिला हॉकी टीम ने चार बार की चैंपियन दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराकर इतिहास रच दिया है। भारत ने जूनियर महिला एशिया कप का खिताब पहली बार जीत लिया। इस जीत के साथ भारतीय टीम ने चिली में खेले जाने वाले एफआईएच महिला जूनियर विश्व कप 2023 में अपना स्थान पक्क ा कर लिया है। पूरे टूर्नामेंट में हरियाणा की खिलाड़ियों का दबदबा रहा जिन्होंने कुल 40 में से 25 गोल दागे। इससे पहले भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2012 में था जब टीम बैंकॉक में पहली बार फाइनल में पहुंची थी लेकिन चीन से 2-5 से हार गई थी।
प्रधानमंत्री ने की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम को इस जीत पर बधाई दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ”2023 महिला हॉकी जूनियर एशिया कप जीतने पर हमारे युवा चैंपियनों को बधाई। टीम ने अपार दृढ़ता, प्रतिभा और टीम वर्क दिखाया है। उन्होंने हमारे देश को बहुत गौरवान्वित किया है।”
अनु ने किया पहला गोल
जापान के काकामीगहारा में खेले गए फाइनल मुकाबले में पहला क्वार्टर गोल रहित बराबर रहने के बाद भारत ने 22वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर पर अनु के गोल की बदौलत बढ़त बनाई। जापान के खिलाफ सेमीफाइनल की निराशा को पीछे छोड़ते हुए अनु ने गोलकीपर के बाईं ंओर से गोल दागते हुए भारत को 1-0 से आगे किया।
नीलम का गोल निर्णायक
दक्षिण कोरिया ने हालांकि तीन मिनट बाद पार्क सियो यिओन के गोल की बदौलत स्कोर 1-1 कर दिया। नीलम ने 41वें मिनट में दक्षिण कोरिया की गोलकीपर के दाईं ंओर से गोल दागकर भारत को 2-1 से आगे कर दिया जो निर्णायक स्कोर साबित हुआ।
खिलाड़ियों को मिलेंगे पुरस्कार
एशिया कप जीतने पर हॉकी इंडिया कार्यकारी बोर्ड ने प्रत्येक खिलाड़ी के लिए दो लाख रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की। वहीं सहयोगी स्टाफ को प्रशंसा के प्रतीक के रूप में एक लाख रुपये मिलेंगे।
हाॅकी इंडिया के अध्यक्ष की बधाई
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप टिर्की ने भारतीय जूनियर महिला टीम को उसकी शानदार उपलब्धि के लिए बधाई दी। हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा, टीम की निरंतर जीत दर्शाती है कि भारत में हॉकी का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।
प्रीति की नीति आई काम
नई दिल्ली। टूर्नामेंट की श्ाुरुआत से फाइनल तक भारतीय टीम की कप्तान प्रीति की रणनीति ने प्रतिद्वंद्वियों को पस्त कर दिया। टीम में कप्तान, उपकप्तान समेत 5 खिलाड़ी हरियाणा की हैं। भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट मंय कुल 40 गोल दागे। इनमें 25 गोल हरियाणा की खिलाड़ियों की स्टिक से निकले। जींद की अन्नू 12 गोल के साथ सीरीज की टॉप स्कोरर बनीं। हिसार की दीपिका ने 10 गोल दागे।
कप्तान प्रीति : कप्तान प्रीति के पिता राज मिस्त्री हैं। परिवार के सपोर्ट के लिए हॉकी खेलना शुरू किया और भारतीय टीम की बनीं कप्तान।
अन्नू : अन्नू बचपन से खुद को भारतीय हॉकी टीम की ड्रेस में देखती थी। दौड़ने में तेज अन्नू प्ले फॉर इंडिया के जरिए चुनी गईं।
दीपिका : पिता पहलवान बनाना चाहते थे लेकिन चुनी हॉकी।
मंजू : फाइनल वाले दिन बुखार था, फिर भी खेलने उतरीं।
नीलम : फाइनल में निर्णायक गोल करने वाली नीलम महिला विरोधी मानसिकता तोड़कर आगे बढ़ीं। किसान पिता ओमप्रकाश ने फब्ितयों पर ध्यान देने के बजाय बेटी को प्रोत्साहित किया
प्रतिभा का ब्लिट्ज इंडिया करता है सम्मान – प्रीति पर 10 अप्रैल को प्रकाशित विशेष आलेख